दिल्ली उच्च न्यायालय वाणिज्यिक अदालतों की स्थापना करने वाला पहला न्यायालय बना-(27-MAR-2015) C.A

| Friday, March 27, 2015

दिल्ली उच्च न्यायालय 25 मार्च 2015 को मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए वाणिज्यिक अदालतों की स्थापना करने वाला देश का पहला न्यायालय बन गया.
दिल्ली उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी ने वाणिज्यिक मामलों पर कार्य करने लिए चार पीठ का निर्माण किया. जिनमें से दो पीठ उन वाणिज्यिक विवादों की सुनवाई करेगी जिसका सम्बन्ध बौद्धिक संपदा अधिकारों, मध्यस्थता, बीमा, बैंकिंग, कराधान, कंपनी मामलों आदि से हो.
जबकि दूसरी पीठ अन्य वाणिज्यिक विवादों के मामलों के खिलाफ अपील की सुनवाई करेगा.
इसके अलावा चार पीठों में से दो पीठ ई-न्यायालय के रूप में कार्य करेंगी अर्ताथ यह कागज रहित न्यायालयों के रूप में कार्य करेंगी.
इसके अलावा दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी 11 जिलों की सिविल अदालतों को भी वाणिज्यिक विवादों को निपटने के निर्देश दिए हैं.
अब तक 1990 में स्थापित जिला स्तर पर केवल तीस हजारी न्यायालय ही वाणिज्यिक न्यायालय के रूप में कार्य कर रहें हैं.
यह कदम 20वें विधि आयोग की सिफारिश के अनुसार सिविल न्यायिक प्रणाली को सरल बनाने की दिशा में उठाया गया है.
सेवानिवृत्त न्यायधीश एपी शाह की अध्यक्षता में 20वें विधि आयोग की वाणिज्यिक अपीलीय डिवीजन और वाणिज्यिक अदालत विधेयक,2015 शीर्षक से जारी 253वीं रिपोर्ट ने उच्च न्यायालयों में वाणिज्यिक अदालतों की स्थापना की सिफारिश की थी ताकि वाणिज्यिक मुकदमों पर समयबद्ध तरीके से सुनवाई की जा सके. आयोग ने अपनी रिपोर्ट जनवरी 2015 में केंद्र सरकार सौपीं थी.

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