सर्विसेज (सेना) ने टाईब्रेकर
में मेजबान पंजाब को 5-4 से
पराजित कर संतोष ट्रॉफी फुटबॉल प्रतियोगिता 2015
(69वीं राष्ट्रीय फुटबॉल प्रतियोगिता) जीती. सर्विसेज (सेना) ने
यह प्रतियोगिता चौथी बार जीती. 69वीं राष्ट्रीय फुटबॉल
प्रतियोगिता का फाइनल मैच लुधियाना के गुरु नानक स्टेडियम में 15 मार्च 2015 को खेला गया. संतोष ट्रॉफी फुटबॉल
प्रतियोगिता को सीनियर राष्ट्रीय फुटबाल चैम्पियनशिप भी कहते हैं.
सर्विसेज (सेना) ने इसके पहले वर्ष 2013, 2012 और 1961 में यह प्रतियोगिता जीती था.
यह संतोष ट्राफी का 69वां संस्करण है. इस प्रतियोगिता के कुछ मैच जालंधर के गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम में भी खेले गए. दोनों टीमें निर्धारित समय में कोई गोल नहीं कर सकी जिससे नतीजे के लिए टाईब्रेकर का सहारा लिया गया.
प्रतियोगिता में सेना के कप्तान एंथोनी और पंजाब टीम के कप्तान रविंदर सिंह रहे.
टाईब्रेकर में सेना के लिए एंथोनी, विबिन, फ्रांसिस जोनुनतुलनगा, अरूण तुडु और राकेश सिंह ने गोल किए.
पंजाब की ओर से परमजीत सिंह गोल करने में नाकाम रहे परिणामतः पंजाब की टीम पराजित हो गई.
सेना ने यह खिताब चार बार जीता जबकि पांच बार यह टीम उप विजेता भी रही.
68वीं राष्ट्रीय फुटबाल चैम्पियनशिप (2014) का खिताब मिजोरम ने रेलवे को पराजित कर जीता था.
69वें संतोष ट्राफी राष्ट्रीय फुटबाल टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में मिजोरम, केरल, सेना (सर्विसेज) और पंजाब की टीमें पहुंची.
संतोष ट्रॉफी से सम्बंधित मुख्य तथ्य
• संतोष ट्रॉफी फुटबॉल प्रतियोगिता की शुरुआत वर्ष 1941 में इंडियन फुटबाल एसोसिएशन ने की थी.
• स्व. मनमथा नाथ राय चौधरी ने महाराजा आफ संतोष जो कि अब (बांग्लादेश) क्षेत्र में पड़ता है, के नाम पर इसका नामकरण किया. इसे विजेता टीम को दिया जाता है.
• रनरअप ट्रॉफी डा. एसके गुप्ता ने स्व. कमल गुप्ता के नाम पर शुरू की थी.
• सबसे अधिक पश्चिम बंगाल 43 बार फाइनल में स्थान बनाकर 31 बार संतोष ट्रॉफी का खिताब जीती .
• पंजाब ने 14 में से 8 बार जीतकर दूसरा स्थान, वहीं केरल 12 व गोवा पांच बार खिताब जीतकर चौथे व पांचवे स्थान पर रहे.
• संतोष ट्रॉफी में पंजाब के अर्जुन अवार्डी इंद्रप्रीत ने रिकॉर्ड 45 गोल किए.
• वर्ष 1974 जालंधर में आयोजित ट्राफी में इंद्रप्रीत सिंह की पंजाब टीम ने 46 गोल में से 23 गोल कर रिकॉर्ड बनाया.
सर्विसेज (सेना) ने इसके पहले वर्ष 2013, 2012 और 1961 में यह प्रतियोगिता जीती था.
यह संतोष ट्राफी का 69वां संस्करण है. इस प्रतियोगिता के कुछ मैच जालंधर के गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम में भी खेले गए. दोनों टीमें निर्धारित समय में कोई गोल नहीं कर सकी जिससे नतीजे के लिए टाईब्रेकर का सहारा लिया गया.
प्रतियोगिता में सेना के कप्तान एंथोनी और पंजाब टीम के कप्तान रविंदर सिंह रहे.
टाईब्रेकर में सेना के लिए एंथोनी, विबिन, फ्रांसिस जोनुनतुलनगा, अरूण तुडु और राकेश सिंह ने गोल किए.
पंजाब की ओर से परमजीत सिंह गोल करने में नाकाम रहे परिणामतः पंजाब की टीम पराजित हो गई.
सेना ने यह खिताब चार बार जीता जबकि पांच बार यह टीम उप विजेता भी रही.
68वीं राष्ट्रीय फुटबाल चैम्पियनशिप (2014) का खिताब मिजोरम ने रेलवे को पराजित कर जीता था.
69वें संतोष ट्राफी राष्ट्रीय फुटबाल टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में मिजोरम, केरल, सेना (सर्विसेज) और पंजाब की टीमें पहुंची.
संतोष ट्रॉफी से सम्बंधित मुख्य तथ्य
• संतोष ट्रॉफी फुटबॉल प्रतियोगिता की शुरुआत वर्ष 1941 में इंडियन फुटबाल एसोसिएशन ने की थी.
• स्व. मनमथा नाथ राय चौधरी ने महाराजा आफ संतोष जो कि अब (बांग्लादेश) क्षेत्र में पड़ता है, के नाम पर इसका नामकरण किया. इसे विजेता टीम को दिया जाता है.
• रनरअप ट्रॉफी डा. एसके गुप्ता ने स्व. कमल गुप्ता के नाम पर शुरू की थी.
• सबसे अधिक पश्चिम बंगाल 43 बार फाइनल में स्थान बनाकर 31 बार संतोष ट्रॉफी का खिताब जीती .
• पंजाब ने 14 में से 8 बार जीतकर दूसरा स्थान, वहीं केरल 12 व गोवा पांच बार खिताब जीतकर चौथे व पांचवे स्थान पर रहे.
• संतोष ट्रॉफी में पंजाब के अर्जुन अवार्डी इंद्रप्रीत ने रिकॉर्ड 45 गोल किए.
• वर्ष 1974 जालंधर में आयोजित ट्राफी में इंद्रप्रीत सिंह की पंजाब टीम ने 46 गोल में से 23 गोल कर रिकॉर्ड बनाया.
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