स्टॉकोहम इंटरनेशनल पीस रिसर्च
इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने 16 मार्च
2015 को अंतरराष्ट्रीय शस्त्र स्थानांतरण में रूझान 2014
रिपोर्ट जारी किया.
इसके अनुसार भारत विश्व का सबसे बड़ा शस्त्र एवं सैन्य उपकरणों का आयातक है, वैश्विक आयात का 15फीसदी भारत में होता है और रूस इसका सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है.
रिपोर्ट की मुख्य बातें
•प्रमुख हथियारों के स्थांतरण की मात्रा 2005– 09 की तुलना में 2010– 14 में 16 फीसदी अधिक रही.
•साल 2010– 14 में सबसे बड़े निर्यातक रहे अमेरिका, रूस, चीन, जर्मनी और फ्रांस. कुल हथियार निर्यात में इन पांच देशों की संयुक्त हिस्सेदारी 74 फीसदी की रही. अमेरिका और रूस ने मिलकर सभी निर्यातों का 58 फीसदी आपूर्ति किया.
•साल 2010– 14 में चीन जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए तीसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक बन गया, साल 2005– 09 में चीन का स्थान नौंवा था.
•यूरोपीय संघ के सभी सदस्य देशों का कुल निर्यात साल 2010– 14 में साल 2005– 09 की तुलना में 16 फीसदी कम रहा, 2005– 09 में निर्यात की मात्रा अमेरिका या रूस से अधिक थी जबकि साल 2010– 14 में यह अमेरिकी और रूसी निर्यात से कम हो गया.
•साल 2010– 14 में पांच सबसे बड़े आयातक देश रहे भारत, सउदी अरब, चीन, अमेरिका और पाकिस्तान. ये पांच देश मिलकर कुल हथियार आयातों का 33 फीसदी प्राप्त किया.
•साल 2010– 14 का प्रमुख प्राप्तकर्ता क्षेत्र ( आयात का 48 फीसदी),इसके बाद मध्य पूर्व (22 फीसदी), यूरोप (12 फीसदी), अमेरिकी ( 10 फीसदी) और अफ्रीका ( 9 फीसदी) था.
•साल 2005– 09 और 2010– 14 के बीच अफ्रीका के देशों में हथियारों के आयात में 45 फीसदी, एशिया और ओशियाना में 37 फीसदी, मध्य पूर्व में 25 फीसदी और अमेरिका में 7 फीसदी की बढोतरी हुई है.
भारतः हथियारों का सबसे बड़ा आयातक
•साल 2010– 14 में भारत प्रमुख हथियारों का सबसे बड़ा आयातक रहा और वैश्विक कुल का 15 फीसदी आयात भारत में हुआ. साल 2005– 09 और 2010– 14 के बीच आयात 140 फीसदी बढ़ा.
•साल 2010– 14 में भारत का आयात इसके क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वियों चीन और पाकिस्तान की तुलना में तीन गुणा अधिक था.
•यह 2005– 09 के बहुत अलग है जब भारत का आयात चीन की तुलना में 23 फीसदी कम था और पाकिस्तान से दुगना से थोड़ा सा ज्यादा.
•भारत अब तक स्वेदशी डिजाइन वाले प्रतिस्पर्धी हथियारों के निर्माण में असफल रहा है और आयात पर इसकी निर्भरता बनी हुई है.
•साल 2010– 14 में रूस ने भारत के हथियार आयात का 70 फीसदी, अमेरिका ने 12 फीसदी और इस्राइल ने 17 फीसदी हथियारों की आपूर्ति की. अमेरिका से अधिग्रहण बीते समय की तुलना में कम रहा.
•साल 2005– 09 के पहले भारत अमेरिका से मुश्किल से प्रमुख हथियार ले पाता था. हालांकि, अब अमेरिका से हथियार आयात में बढ़ोतरी का रूझान दिख रहा है. साल 2010– 14 में आयात 2005– 09 की तुलना में 15 गुणा अधिक रहा और इसमें उन्नत हथियार जैसे एंटी– सबमरीन वारफेर एयरक्राफ्ट भी थे. साल 2014 में अमेरिका के साथ अतिरिक्त समझौते पर सहमति बनी. इसमें 22 लड़ाकू हेलिकॉप्टर भी शामिल हैं.
SIPRI के बारे में
SIPRI एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संस्थान है जो संघर्ष, आयुद्ध, हथियार नियंत्रण और निरस्त्रीकरण के क्षेत्र में अनुसंधान को समर्पित है. साल 1966 में स्थापित SIPRI ओपन सोर्स के आधार पर आंकड़े, विश्लेषण और अनुशंसाएं नीतिनिर्माताओँ, शोधकर्ताओँ, मीडिया और रूचि रखने वाली जनता को मुहैया कराता है.
इसके अनुसार भारत विश्व का सबसे बड़ा शस्त्र एवं सैन्य उपकरणों का आयातक है, वैश्विक आयात का 15फीसदी भारत में होता है और रूस इसका सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है.
रिपोर्ट की मुख्य बातें
•प्रमुख हथियारों के स्थांतरण की मात्रा 2005– 09 की तुलना में 2010– 14 में 16 फीसदी अधिक रही.
•साल 2010– 14 में सबसे बड़े निर्यातक रहे अमेरिका, रूस, चीन, जर्मनी और फ्रांस. कुल हथियार निर्यात में इन पांच देशों की संयुक्त हिस्सेदारी 74 फीसदी की रही. अमेरिका और रूस ने मिलकर सभी निर्यातों का 58 फीसदी आपूर्ति किया.
•साल 2010– 14 में चीन जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए तीसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक बन गया, साल 2005– 09 में चीन का स्थान नौंवा था.
•यूरोपीय संघ के सभी सदस्य देशों का कुल निर्यात साल 2010– 14 में साल 2005– 09 की तुलना में 16 फीसदी कम रहा, 2005– 09 में निर्यात की मात्रा अमेरिका या रूस से अधिक थी जबकि साल 2010– 14 में यह अमेरिकी और रूसी निर्यात से कम हो गया.
•साल 2010– 14 में पांच सबसे बड़े आयातक देश रहे भारत, सउदी अरब, चीन, अमेरिका और पाकिस्तान. ये पांच देश मिलकर कुल हथियार आयातों का 33 फीसदी प्राप्त किया.
•साल 2010– 14 का प्रमुख प्राप्तकर्ता क्षेत्र ( आयात का 48 फीसदी),इसके बाद मध्य पूर्व (22 फीसदी), यूरोप (12 फीसदी), अमेरिकी ( 10 फीसदी) और अफ्रीका ( 9 फीसदी) था.
•साल 2005– 09 और 2010– 14 के बीच अफ्रीका के देशों में हथियारों के आयात में 45 फीसदी, एशिया और ओशियाना में 37 फीसदी, मध्य पूर्व में 25 फीसदी और अमेरिका में 7 फीसदी की बढोतरी हुई है.
भारतः हथियारों का सबसे बड़ा आयातक
•साल 2010– 14 में भारत प्रमुख हथियारों का सबसे बड़ा आयातक रहा और वैश्विक कुल का 15 फीसदी आयात भारत में हुआ. साल 2005– 09 और 2010– 14 के बीच आयात 140 फीसदी बढ़ा.
•साल 2010– 14 में भारत का आयात इसके क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वियों चीन और पाकिस्तान की तुलना में तीन गुणा अधिक था.
•यह 2005– 09 के बहुत अलग है जब भारत का आयात चीन की तुलना में 23 फीसदी कम था और पाकिस्तान से दुगना से थोड़ा सा ज्यादा.
•भारत अब तक स्वेदशी डिजाइन वाले प्रतिस्पर्धी हथियारों के निर्माण में असफल रहा है और आयात पर इसकी निर्भरता बनी हुई है.
•साल 2010– 14 में रूस ने भारत के हथियार आयात का 70 फीसदी, अमेरिका ने 12 फीसदी और इस्राइल ने 17 फीसदी हथियारों की आपूर्ति की. अमेरिका से अधिग्रहण बीते समय की तुलना में कम रहा.
•साल 2005– 09 के पहले भारत अमेरिका से मुश्किल से प्रमुख हथियार ले पाता था. हालांकि, अब अमेरिका से हथियार आयात में बढ़ोतरी का रूझान दिख रहा है. साल 2010– 14 में आयात 2005– 09 की तुलना में 15 गुणा अधिक रहा और इसमें उन्नत हथियार जैसे एंटी– सबमरीन वारफेर एयरक्राफ्ट भी थे. साल 2014 में अमेरिका के साथ अतिरिक्त समझौते पर सहमति बनी. इसमें 22 लड़ाकू हेलिकॉप्टर भी शामिल हैं.
SIPRI के बारे में
SIPRI एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संस्थान है जो संघर्ष, आयुद्ध, हथियार नियंत्रण और निरस्त्रीकरण के क्षेत्र में अनुसंधान को समर्पित है. साल 1966 में स्थापित SIPRI ओपन सोर्स के आधार पर आंकड़े, विश्लेषण और अनुशंसाएं नीतिनिर्माताओँ, शोधकर्ताओँ, मीडिया और रूचि रखने वाली जनता को मुहैया कराता है.
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