जलवायु परिवर्तन और जंगल थीम के साथ मनाया गया अंतरराष्ट्रीय वन दिवस-(23-MAR-2015) C.A

| Monday, March 23, 2015

21 मार्चः अंतरराष्ट्रीय वन दिवस 
21 मार्च 2015 को अंतरराष्ट्रीय वन दिवस जलवायु परिवर्तन और वन थीम के साथ मनाया गया. इस थीम के मुख्य बिंदुओं में जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन और शमन के लिए वन आधारित समाधान तथा वन क्षेत्र विस्तार और सतत विकास  शामिल रहे. इस दिवस के माध्यम से वनों और वनों के बाहर पाए जाने वाले महत्वपूर्ण पेड़ पौधों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मंच प्रदान किया गया है. इस दिन का उपयोग यह बताने के लिए भी किया जाता है कि गरीबी उन्मूलन, पर्यावरणीय स्थिरता व खाद्य सुरक्षा में वनों का योगदान अहम है. 21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय वन दिवस मनाए जाने का प्रावधान ए/आरइएस/67/2000 संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) द्वारा 28 नवंबर 2012 को किया गया. पहली बार अंतरराष्ट्रीय वन दिवस दो साल पहले 21 मार्च 2013 को मनाया गया.  
वनों और उनकी स्थिति के बारे में 
धरती का एक तिहाई भू भाग (विश्व का करीब 31 प्रतिशत भू भाग) वनों से आच्छादित है, जो दुनिया के चारों ओर महत्वपूर्ण कार्य करता है. ये वन क्षेत्र 80 प्रतिशत से ज्यादा पशुओं की प्रजाति, पौधों और कीटों के लिए एक घर है. करीब 1.6 बिलियन लोग, जिसमें लगभग 2000 सभ्यताएं शामिल हैं, वे अपने जीवन के लिए वनों पर निर्भर हैं. वन क्षेत्र आश्रय, रोजगार और इन पर निर्भर रहने वाले समुदायों को सुरक्षा प्रदान करते हैं.
वन लोगों की मदद कैसे करते हैं :
वन जलवायु परिवर्तन के बदलावों को स्वीकार करने की जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. वन हवा में ऑक्सीजन, कार्बन डाई ऑक्साइड, आर्द्रता के संतुलन में भी योगदान देते हैं. इनसे प्राकृतिक जल स्त्रोतों का संरक्षण होता है, जिनके माध्यम से पूरे विश्व की 75 प्रतिशत आबादी को जल की आपूर्ति की जाती है. वन पारिस्थितकीय, आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य लाभ के संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बावजूद इसके विश्व में वन क्षेत्र तेजी से घट रहा है, जो खतरे की घंटी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि  वनों का 13 मिलियन हेक्टेयर्स (32 मिलियन एकड़)  क्षेत्र प्रतिवर्ष नष्ट किया जा रहा है. जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार 12 से 20 प्रतिशत ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के लिए वनों की कटाई जिम्मेदार है.

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