राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
ने विज्ञान भवन नई दिल्ली में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा आयोजित एक समारोह
में वर्ष 2011 और 2012 के लिए
राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार (खान) 20 मार्च 2015 प्रदान किये.
ये पुरस्कार वर्ष 2011 और वर्ष 2012 के दौरान किए गए उल्लेखनीय पेशेगत सुरक्षा उपायों के लिए संबंधित खदान प्रबंधनों को प्रदान किए गए.
ये पुरस्कार वर्ष 2011 और वर्ष 2012 के दौरान किए गए उल्लेखनीय पेशेगत सुरक्षा उपायों के लिए संबंधित खदान प्रबंधनों को प्रदान किए गए.
राष्ट्रीय
सुरक्षा पुरस्कार (खदान)
खदानों में दुर्घटना टालने के लिए किए जाने वाले उल्लेखनीय उपायों को मान्यता देने एवं उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 1982-83 में राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कारों (खदान) का शुभांरभ किया गया था.
ये पुरस्कार पहली बार वर्ष 1984 में प्रदान किए गए थे. दरअसल उस वर्ष ये पुरस्कार वर्ष 1982 एवं वर्ष 1983 के लिए दिए गए थे. उसके बाद से ये पुरस्कार नियमित रूप से प्रदान किए जा रहे हैं.
पुरस्कार चयन समिति
राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार (खान) का चयन श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा गठित 18 सदस्यीय त्रिपक्षीय पुरस्कार समिति ने की. खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) इस समिति का अध्यक्ष हैं. डीजीएमएस का एक अन्य अधिकारी इस समिति का सदस्य सचिव है. इस समिति में खदान प्रबंधनों के 8 प्रतिनिधि और श्रमिक संगठनों के भी 8 प्रतिनिधि शामिल हैं.
विदित हो कि खदानों में कार्यरत लोगों की पेशेगत सुरक्षा के लिए खान अधिनियम, 1952 में प्रावधान किए गए हैं और इनके तहत नियम-कायदे बनाए गए हैं.
खदानों में दुर्घटना टालने के लिए किए जाने वाले उल्लेखनीय उपायों को मान्यता देने एवं उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 1982-83 में राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कारों (खदान) का शुभांरभ किया गया था.
ये पुरस्कार पहली बार वर्ष 1984 में प्रदान किए गए थे. दरअसल उस वर्ष ये पुरस्कार वर्ष 1982 एवं वर्ष 1983 के लिए दिए गए थे. उसके बाद से ये पुरस्कार नियमित रूप से प्रदान किए जा रहे हैं.
पुरस्कार चयन समिति
राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार (खान) का चयन श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा गठित 18 सदस्यीय त्रिपक्षीय पुरस्कार समिति ने की. खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) इस समिति का अध्यक्ष हैं. डीजीएमएस का एक अन्य अधिकारी इस समिति का सदस्य सचिव है. इस समिति में खदान प्रबंधनों के 8 प्रतिनिधि और श्रमिक संगठनों के भी 8 प्रतिनिधि शामिल हैं.
विदित हो कि खदानों में कार्यरत लोगों की पेशेगत सुरक्षा के लिए खान अधिनियम, 1952 में प्रावधान किए गए हैं और इनके तहत नियम-कायदे बनाए गए हैं.
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