भारत के अमिताव घोष को
दूसरी बार मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार (2015) के
लिए चयनित अंतिम 10 लेखकों की सूची में शामिल किया
गया. इसकी घोषणा बुकर प्राइज फाउंडेशन के प्रमुख जोनाथन टेलर ने 24 मार्च 2015 को दी. इससे पहले उन्हें ‘सी ऑफ पापीज’ उपन्यास के लिए वर्ष 2008 में मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित अंतिम 10 लेखकों की सूची में शामिल किया गया था.
मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय
पुरस्कार 2015 के लिए चयनित अंतिम 10 लेखकों की सूची में शामिल वह एकमात्र भारतीय लेखक हैं. अंग्रेजी भाषा के
लेखन में योगदान के लिए उनको इसमें शामिल किया गया.
पहली बार 10 देशों के लेखकों को इसमें शामिल किया गया. लीबिया, मोजाम्बिक, गुआदली, हंगरी, दक्षिण अफ्रीका और कांगों के लेखकों को इसमें पहली बार स्थान मिला है.
लोकप्रिय साहित्य पुरस्कार के अंतरराष्ट्रीय संस्करण का आयोजन 19 मई 2015 को लंदन में किया जाना है.
अमिताव घोष से संबंधित मुख्य तथ्य
• भारतीय अमेरिकी लेखक अमिताव घोष का जन्म कोलकाता में 11 जुलाई 1956 को हुआ था.
• उन्होंने दून स्कूल, दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज और यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड से पढ़ाई की.
• अमिताव घोष का नवीनतम उपन्यास ‘फ्लड ऑफ फॉयर’ है.
• अमिताव घोष वर्ष 2008 में मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से उस वक्त चूक गए थे जब उन्हें ‘सी ऑफ पापीज’ के लिए शीर्ष दावेदारों की सूची में शामिल किया गया था.
मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार
• यह पुरस्कार प्रति दो वर्ष पर किसी एक ऐसे लेखक को दिया जाता है जिसका प्रकाशित गल्प मूल रूप से अंग्रेजी भाषा में हो अथवा उसके काम का अंग्रेजी में अनुवाद किया गया हो.
• पुरस्कार राशि के तौर पर लेखक को 60 हजार पौंड (करीब 56 लाख रुपये) की धनराशि दी जाती है.
• टाइम पत्रिका ने इस पुस्तक को बीसवीं सदी की सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों की सूची में शामिल किया है.
• इससे पहले वर्ष 2011 में फ़िलिप रौथ, वर्ष 2005 में इस्माइल कादरी, वर्ष 2007 में चिनुआ अचेबे और वर्ष 2009 में एलिस मनरो को यह पुरस्कार प्रदान किया गया.
मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्रत्येक वर्ष किसी एक कथा (Fiction) हेतु दिए जाने वाले मैन बुकर पुरस्कार से अलग है. मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार साहित्यिक उत्कृष्टता के लिए किसी लेखक को दिया जाता है.
विदित हो कि अमिताव घोष यह पुरस्कार जीतने में कामयाब होते हैं, तो वह सलमान रुश्दी, अरुंधती रॉय, किरण देसाई और अरविंद अडिग के बाद पांचवें भारतीय होंगे.
पहली बार 10 देशों के लेखकों को इसमें शामिल किया गया. लीबिया, मोजाम्बिक, गुआदली, हंगरी, दक्षिण अफ्रीका और कांगों के लेखकों को इसमें पहली बार स्थान मिला है.
लोकप्रिय साहित्य पुरस्कार के अंतरराष्ट्रीय संस्करण का आयोजन 19 मई 2015 को लंदन में किया जाना है.
अमिताव घोष से संबंधित मुख्य तथ्य
• भारतीय अमेरिकी लेखक अमिताव घोष का जन्म कोलकाता में 11 जुलाई 1956 को हुआ था.
• उन्होंने दून स्कूल, दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज और यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड से पढ़ाई की.
• अमिताव घोष का नवीनतम उपन्यास ‘फ्लड ऑफ फॉयर’ है.
• अमिताव घोष वर्ष 2008 में मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से उस वक्त चूक गए थे जब उन्हें ‘सी ऑफ पापीज’ के लिए शीर्ष दावेदारों की सूची में शामिल किया गया था.
मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार
• यह पुरस्कार प्रति दो वर्ष पर किसी एक ऐसे लेखक को दिया जाता है जिसका प्रकाशित गल्प मूल रूप से अंग्रेजी भाषा में हो अथवा उसके काम का अंग्रेजी में अनुवाद किया गया हो.
• पुरस्कार राशि के तौर पर लेखक को 60 हजार पौंड (करीब 56 लाख रुपये) की धनराशि दी जाती है.
• टाइम पत्रिका ने इस पुस्तक को बीसवीं सदी की सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों की सूची में शामिल किया है.
• इससे पहले वर्ष 2011 में फ़िलिप रौथ, वर्ष 2005 में इस्माइल कादरी, वर्ष 2007 में चिनुआ अचेबे और वर्ष 2009 में एलिस मनरो को यह पुरस्कार प्रदान किया गया.
मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्रत्येक वर्ष किसी एक कथा (Fiction) हेतु दिए जाने वाले मैन बुकर पुरस्कार से अलग है. मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार साहित्यिक उत्कृष्टता के लिए किसी लेखक को दिया जाता है.
विदित हो कि अमिताव घोष यह पुरस्कार जीतने में कामयाब होते हैं, तो वह सलमान रुश्दी, अरुंधती रॉय, किरण देसाई और अरविंद अडिग के बाद पांचवें भारतीय होंगे.
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