16 मार्च 2015 को
संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित मिराक कैपिटल ने सहारा
समूह पर 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर के मानहानि का मुकदमा
करने का फैसला किया.
मिराक कैपिटल ने सहारा समूह के साथ वित्तीय सौदे के विफल होने से उसकी छवि में नुकसान और निवशकों का उस पर से विश्वास टूटने का आरोप लगाया है.
इसके अलावा उसने सहारा समूह पर जालसाजी के भी आरोप लगाए हैं.
इसके अलावा मिराक ने सहारा के संपत्तियों के समूह के अधिग्रहण रणनीति के संबंध में सीईओ सारांश शर्मा द्वारा सार्वजनिक टिप्पणियों पर सहारा के प्रतिनिधियों पर विशिष्ट अनुबंध के उल्लंघन का भी आरोप लगाया है. मिराक ने दावा किया है कि कोई भी अमेरिकी फेडरल अधिकारी उससे या उसके निदेशकों से किसी प्रकार की जांच के लिए संपर्क नहीं किया है.
सहारा समूह ने मिराक और इसके सीईओ सारांश शर्मा के आपराधिक आचरण और इतनी बड़ी प्रतिबद्धता के लिए वित्तीय क्षमताओँ की कमी की वजह से सौदे के रद्द होने और महत्वपूर्ण समय, संसाधनों और सहारा की साख को क्षति पहुंचाने का आरोप लगाया है
मिराक कैपिटल ने सहारा समूह के साथ वित्तीय सौदे के विफल होने से उसकी छवि में नुकसान और निवशकों का उस पर से विश्वास टूटने का आरोप लगाया है.
इसके अलावा उसने सहारा समूह पर जालसाजी के भी आरोप लगाए हैं.
इसके अलावा मिराक ने सहारा के संपत्तियों के समूह के अधिग्रहण रणनीति के संबंध में सीईओ सारांश शर्मा द्वारा सार्वजनिक टिप्पणियों पर सहारा के प्रतिनिधियों पर विशिष्ट अनुबंध के उल्लंघन का भी आरोप लगाया है. मिराक ने दावा किया है कि कोई भी अमेरिकी फेडरल अधिकारी उससे या उसके निदेशकों से किसी प्रकार की जांच के लिए संपर्क नहीं किया है.
सहारा समूह ने मिराक और इसके सीईओ सारांश शर्मा के आपराधिक आचरण और इतनी बड़ी प्रतिबद्धता के लिए वित्तीय क्षमताओँ की कमी की वजह से सौदे के रद्द होने और महत्वपूर्ण समय, संसाधनों और सहारा की साख को क्षति पहुंचाने का आरोप लगाया है
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