भारतीय मूल के अमेरिकी
लेखक और उपन्यासकार अखिल शर्मा का उपन्यास "फैमली लाइफ" 23 मार्च 2015 को फोलियो पुरस्कार के लिए चयनित किया
गया.
लेखक को इस पुस्तक को लिखने में 13 वर्ष लग
गए. "फैमली लाइफ" अमेरिका में बसे एक आप्रवासी परिवार की कहानी है.
शर्मा के उपन्यास ‘फैमिली लाईफ’ ने सात
अन्य उपन्यासों को पीछे छोड़ते हुए वर्ष 2015 का फोलियो
पुरस्कार जीता. चयन समिति के अध्यक्ष एवं लेखक विलियम फिएंस ने 23 मार्च 2015 को इसकी घोषणा की.
यह पुरस्कार ब्रिटेन में अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित फिक्शन श्रेणी
की सर्वश्रेष्ठ रचनाओं के लिए दिया जाता है. लंदन में एक समारोह में फोलियो
सोसाइटी के ज्यां मार्क रथ ने अखिल को ट्रॉफी और 40 हजार
पाउंड का चेक प्रदान किया.
‘फैमिली लाईफ’ विशुद्ध जटिलता, आपदा
और उत्तरजीविता, लगाव एवं स्वतंत्रता, स्वार्थ
और जिम्मेदारी के बीच टकराव का एक कुशल उपन्यास है. अखिल शर्मा द्वारा उपन्यास में
एक परिवार के दूसरे महाद्वीप जाने और वहां की संस्कृति में बसने का विशद, सहानुभूतिपूर्ण, रोचक अंदाज में वर्णन किया गया.
"फैमली
लाइफ" में दिल्ली में जन्मे युवा अजय के एक भारतीय परिवार की कहानी है जो
बेहतर जिंदगी की तलाश में विदेश जाता है. उनकी खोज न्यूयॉर्क के क्वींस में जाकर
खत्म होती है. अजय के परिवार में सबकुछ ठीकठाक चल रहा होता है, जब एक दुखद घटना से पूरा परिदृश्य ही बदल जाता है.
अखिल शर्मा के बारे में
अखिल शर्मा दिल्ली में पैदा हुए थे और वर्ष 1979 में अपने परिवार के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका में जाकर बस गए. उनके पहले उपन्यास एन ओबिडिएंट फॉदर ने वर्ष 2001 में हेमिंग्वे फाउंडेशन / पेन पुरस्कार जीता था.
अखिल शर्मा दिल्ली में पैदा हुए थे और वर्ष 1979 में अपने परिवार के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका में जाकर बस गए. उनके पहले उपन्यास एन ओबिडिएंट फॉदर ने वर्ष 2001 में हेमिंग्वे फाउंडेशन / पेन पुरस्कार जीता था.
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