केंद्रीय कपड़ा राज्य
मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने उत्तर पूर्व क्षेत्र में जीयो– टेक्सटाइल के उत्पादन के लिए 430 करोड़ रुपये के
परियोजना की घोषणा 25 मार्च 2015 को
की. यह घोषणा गैंगटोक, सिक्किम में पहले आधुनिक कपड़ा और
परिधान निर्माण केंद्र की नींव डालने के दौरान किया गया.
जीयो– टेक्सटाइल सड़कें विशेष रूप से उत्तर पूर्व जैसे इलाकों में, जहां बहुत ज्यादा वर्षा होती है, बुनियादी ढांचे की
रक्षा करने में बहुत मददगार होती है.
इसके अलावा सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग ने कपड़ा उद्योग के लिए युवाओं को प्रशिक्षित कर स्थानीय मानवशक्ति बनाने की जरूरत पर बल दिया. साथ ही उन्होंने कपड़ा उत्पादन में स्थानीय तौर पर उपलब्ध सामग्री जैसे बांस के प्रयोग को भी सुनिश्चित करने की बात कही.
जीयो–टेक्सटाइल क्या हैं?
जीयो– टेक्सटाइल पारगम्य कपड़े हैं. इन्हें जब मिट्टी के साथ इस्तेमाल किया जाता है तब ये अलग करने, छानने, सुदृढ़ बनाने, संरक्षित होने या निकासी में सक्षम हो जाता है. जीयो– टेक्सटाइल को फिल्टर फैब्रिक्स भी कहते हैं.
ये कपड़े पॉलीप्रोपलीन या पॉलिएस्टर से बनाए जाते हैं और मूलतः तीन रूपों में मिलते हैः बुने हुए (मेल बैग सैकिंग जैसा), निडल पंच्ड (कंबल जैसा) या हीट बॉन्डेड ( स्त्री किए हुए कंबल जैसा).
इसके अलावा सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग ने कपड़ा उद्योग के लिए युवाओं को प्रशिक्षित कर स्थानीय मानवशक्ति बनाने की जरूरत पर बल दिया. साथ ही उन्होंने कपड़ा उत्पादन में स्थानीय तौर पर उपलब्ध सामग्री जैसे बांस के प्रयोग को भी सुनिश्चित करने की बात कही.
जीयो–टेक्सटाइल क्या हैं?
जीयो– टेक्सटाइल पारगम्य कपड़े हैं. इन्हें जब मिट्टी के साथ इस्तेमाल किया जाता है तब ये अलग करने, छानने, सुदृढ़ बनाने, संरक्षित होने या निकासी में सक्षम हो जाता है. जीयो– टेक्सटाइल को फिल्टर फैब्रिक्स भी कहते हैं.
ये कपड़े पॉलीप्रोपलीन या पॉलिएस्टर से बनाए जाते हैं और मूलतः तीन रूपों में मिलते हैः बुने हुए (मेल बैग सैकिंग जैसा), निडल पंच्ड (कंबल जैसा) या हीट बॉन्डेड ( स्त्री किए हुए कंबल जैसा).
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