महाराष्ट्र राज्य सरकार
ने 23 मार्च 2015 को
राज्य में गुटखा की बिक्री में शामिल लोगों के खिलाफ
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 328 के तहत मामला दर्ज
किए जाने की घोषणा की. गुटखा की बिक्री को एक गैर जमानती अपराध बनाया जाएगा. राज्य
के खाद्य एवं औषधि मंत्री गिरीश बापट ने राज्य विधानसभा में इसकी घोषणा की.
अब तक महाराष्ट्र में गुटका के निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध लगा था, लेकिन इसके बावजूद प्रभावी तरीके से लागू नहीं होने के कारण यह महाराष्ट्र
में खुले आम बिकता है और पड़ोसी राज्यों से गुटखे की तस्करी कर महाराष्ट्र में
लाया जा रहा है. महाराष्ट्र ने जुलाई 2012 में गुटखा की
बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया.
पुलिस को आईपीसी की धारा 328
(अपराध करने के इरादे से जहर आदि के माध्यम से चोट पहुंचाना) के तहत
आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं जो कि गैर जमानती है.
अब गुटखा बेचने वालों पर जहर देकर मारने की कोशिश के अपराध के तहत
मुकदमा दर्ज किया जाएगा. इस अपराध के तहत 10 वर्ष की
कैद का प्रावधान है.
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