थॉर नामक यह ड्रोन हाई-टेक वस्तुओं को असल जीवन में उपयोग किये जाने के प्रयोग का एक हिस्सा है. यह किसी सफेद विमान जैसा दिखता है.
थ्री-डी प्रिंटेड विमान - थॉर
• यह केवल तीन भागों द्वारा तैयार विश्व का पहला थ्री-डी प्रिंटेड विमान है.
• इसमें कोई खिड़की नहीं है, इसका वजन 21 किलोग्राम (46 पाउंड) एवं इसकी लम्बाई चार मीटर (13 फीट) से कम है. यह हल्का, तीव्र एवं सस्ता विकल्प है.
• केवल इलेक्ट्रिक वस्तुओं के अतिरिक्त सभी भाग थ्री-डी प्रिंट से तैयार किये गये हैं.
• इसकी प्रारंभिक उड़ान नवम्बर 2015 को जर्मनी के शहर हैम्बर्ग में की गयी थी.
• एयरबस एवं बोइंग में भी थ्री-डी प्रिंट का प्रयोग होता है. इनमें ए350 एवं बी787 विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं.
विमानन क्षेत्र में थ्री-डी प्रिंटिंग
• आधुनिक थ्री-डी प्रिंटर 40 सेंटीमीटर (15 इंच) तक के टुकड़े प्रिंट कर सकते हैं.
• इससे लागत तो कम होती ही है साथ ही पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता तथा हल्के विमानों में इंधन की खपत भी कम होती है.
• यह एक बहुउद्देशीय अविष्कार हो सकता है क्योंकि अगले 20 वर्षों में विमान सेवाओं के दोगुना होने का अनुमान लगाया गया है.
• आधुनिक थ्री-डी प्रिंटर 40 सेंटीमीटर (15 इंच) तक के टुकड़े प्रिंट कर सकते हैं.
• इससे लागत तो कम होती ही है साथ ही पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता तथा हल्के विमानों में इंधन की खपत भी कम होती है.
• यह एक बहुउद्देशीय अविष्कार हो सकता है क्योंकि अगले 20 वर्षों में विमान सेवाओं के दोगुना होने का अनुमान लगाया गया है.
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