विश्व बैंक ने इंडिया डेवलपमेंट अपडेट 2016 जारी किया-(23-JUNE-2016) C.A

| Thursday, June 23, 2016
updateविश्व बैंक के भारत में निदेशक ओनो रुहल ने 20 जून 2016 को "इंडिया डेवलपमेंट अपडेट" जारी किया. शहरी क्षेत्रों में सेवाओं की डिलीवरी बेहतर बनाने पर जोर देना चाहिए. ग्रामीण उपभोग बढ़ने और निर्यात में गिरावट थमने से भी विकास दर को बल मिलेगा.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
•    भारत की विकास दर साल 2016-17 में 7.6 फीसदी रहेगी, जबकि 2017-18 में यह 7.7 फीसदी और 2018-19 में 7.8 फीसदी हो सकती है.
•    भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर का दो अंकों में पहुंचाना कई कारकों पर निर्भर करेगा, जिसमें कृषि नीति, सार्वजनिक निवेश, सेवा क्षेत्र, उत्पादन क्षेत्र और मॉनसून की मिली जुली भूमिका होगी.
•    भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रमुख चुनौती रुके पड़े क्षेत्रों को आगे बढ़ाना, जैसे कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था, व्यापार और निजी निवेश.
•    आर्थिक विकास को जारी रखने के लिए निवेश की रफ्तार बढ़ानी होगी.
•    भारत ने वित्त वर्ष 2015-16 में तेज विकास दर हासिल की है और मैन्यूफैक्चरिंग व सेवा क्षेत्रों की उच्च वृद्धि रहने से नौकरियां सृजित हुई हैं.
•    वित्त वर्ष 2015-16 में मैन्यूफैक्चरिंग की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत तथा सेवा क्षेत्र की 8.9 प्रतिशत रही जिससे शहरों में नौकरियां सृजित हुईं.
•    मुद्रास्फीति काबू में रही जिससे लोगों की वास्तविक आय में वृद्धि हुई.
•    महंगाई निचले स्तर पर रहने से रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कटौती की जिससे वित्तीय तंत्र से जुड़े शहरी परिवारों को फायदा हुआ.
•    ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर संपर्क सुविधा देने के साथ-साथ उवर्रक सब्सिडी को तर्कसंगत और शहरी क्षेत्रों में सेवाओं की डिलीवरी बेहतर बनाने पर जोर देना.
•    मानसून सामान्य रहने पर कृषि क्षेत्र की विकास दर अगर 3.5 प्रतिशत रहती है तो जीडीपी में अतिरिक्त 0.35 प्रतिशत वृद्धि हो सकती है.
•    ग्रामीण उपभोग बढ़ने और निर्यात में गिरावट थमने से भी विकास दर को बल मिलेगा.
•    उर्वरक सब्सिडी को तर्कसंगत बनाया जायेगा.
•    जीएसटी व अन्य सुधारों से कारोबारी माहौल बेतहर बनाया जायेगा.
•    निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने के उपाय किये जायेगे.
•    कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाई जाएगी.

0 comments:

Post a Comment