पुस्तक ए लाइफ इन डिप्लोमेसी जून 2016 के तीसरे सप्ताह चर्चा में थी. यह पुस्तक पूर्व भारतीय राजनयिक महाराजकृष्णा रसगोत्रा द्वारा लिखी गयी है.
यह पुस्तक भारतीय कूटनीति के व्यक्तित्व और नीतियों के अंदरूनी पहलुओं को उजागर करती है.
इस पुस्तक में श्रीलंका में हुई जातीय हिंसा, पिछले वर्ष का शीत युद्ध, सार्क के गठन हेतु की गयी बातचीत, इंदिरा गांधी हत्याकांड एवं भोपाल गैस त्रासदी के बारे में चर्चा की गयी है.
महाराजकृष्णा रसगोत्रा
• उन्होंने वर्ष 1949 में विदेश सचिव पद पर भारतीय विदेश सेवा में पदभार संभाला था.
• उन्होंने विदेश मंत्रालय के अधीन कार्य करते हुए विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया.
• तीन दशकों से भी अधिक समय तक कार्यरत रहते हुए वे नेपाल, ब्रिटेन, फ़्रांस एवं अन्य देशों में रहे. वे संयुक्त राज्य अमेरिका में दो बार तैनात किये गये.
• वे वर्ष 2005 से 2007 तक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष रहे.
• उनकी अन्य पुस्तकें हैं – अमेरिका इन एशियन सेंचुरी, द न्यू एशियन पावर डायनामिक एवं साइंस एंड टेक्नोलॉजी इन चाइना
• उन्होंने वर्ष 1949 में विदेश सचिव पद पर भारतीय विदेश सेवा में पदभार संभाला था.
• उन्होंने विदेश मंत्रालय के अधीन कार्य करते हुए विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया.
• तीन दशकों से भी अधिक समय तक कार्यरत रहते हुए वे नेपाल, ब्रिटेन, फ़्रांस एवं अन्य देशों में रहे. वे संयुक्त राज्य अमेरिका में दो बार तैनात किये गये.
• वे वर्ष 2005 से 2007 तक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष रहे.
• उनकी अन्य पुस्तकें हैं – अमेरिका इन एशियन सेंचुरी, द न्यू एशियन पावर डायनामिक एवं साइंस एंड टेक्नोलॉजी इन चाइना
0 comments:
Post a Comment