वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण और दक्षिण कोरिया के व्यापार, उद्योग और ऊर्जा मंत्री जू ह्यूंगवान ने 18 जून 2016 को भारत में कोरियाई निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कोरिया प्लस नामक विशेष पहल की शुरूआत की.
कोरिया प्लस को 18 जून 2016 से लागू किया गया, इसमें कोरियाई सरकार के व्यापार, उद्योग और ऊर्जा मंत्रालय के प्रतिनिधि, कोरिया व्यापार निवेश संवर्धन संस्था (केओटीआरए) के प्रतिनिधि और साथ ही इनवेस्ट इंडिया के भी तीन प्रतिनिधियों को रखा गया है.
कोरिया प्लस को 18 जून 2016 से लागू किया गया, इसमें कोरियाई सरकार के व्यापार, उद्योग और ऊर्जा मंत्रालय के प्रतिनिधि, कोरिया व्यापार निवेश संवर्धन संस्था (केओटीआरए) के प्रतिनिधि और साथ ही इनवेस्ट इंडिया के भी तीन प्रतिनिधियों को रखा गया है.
कोरिया प्लस का उद्देश्य
• कोरिया प्लस का उद्देश्य पहली बार भारतीय बाजार में प्रवेश करने वाले कोरियाई उद्यमों का समर्थन करना है.
• भारत में व्यापार करने के लिए कोरियाई कंपनियों द्वारा कठिनाईयों से सामना और उनकी ओर से भारत सरकार की नीतियों की वकालत आदि को इसके अंतर्गत लाया गया है.
• कोरिया प्लस बैठकों की व्यवस्था करने, जनसंपर्क और अनुसंधान / मूल्यांकन में सहायता और भारत में निवेश को इच्छुक कोरियाई कंपनियों को सूचना और परामर्श प्रदान के लिए एक मध्यस्थ के रूप में कार्य करेगा.
• विगत वर्षों में भारत और कोरिया गणराज्य के संबंधों में काफी प्रगति हुई है. कोरिया प्लस इन संबंधों को और प्रगाढ़ करने में उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा.
पृष्ठभूमि
कोरिया प्लस की स्थापना के समझौता ज्ञापन पर पहले ही कोरिया के व्यापार, उद्योग और ऊर्जा मंत्रालय तथा भारत के राष्ट्रीय निवेश संवर्धन एवं सरलीकरण संस्था के उपक्रम "इनवेस्ट इंडिया" के बीच जनवरी 2016 में हस्ताक्षर किए गए थे. यह समझौता ज्ञापन मई 2015 में भारतीय प्रधानमंत्री की दक्षिण कोरिया दौरे का परिणाम है.
• कोरिया प्लस का उद्देश्य पहली बार भारतीय बाजार में प्रवेश करने वाले कोरियाई उद्यमों का समर्थन करना है.
• भारत में व्यापार करने के लिए कोरियाई कंपनियों द्वारा कठिनाईयों से सामना और उनकी ओर से भारत सरकार की नीतियों की वकालत आदि को इसके अंतर्गत लाया गया है.
• कोरिया प्लस बैठकों की व्यवस्था करने, जनसंपर्क और अनुसंधान / मूल्यांकन में सहायता और भारत में निवेश को इच्छुक कोरियाई कंपनियों को सूचना और परामर्श प्रदान के लिए एक मध्यस्थ के रूप में कार्य करेगा.
• विगत वर्षों में भारत और कोरिया गणराज्य के संबंधों में काफी प्रगति हुई है. कोरिया प्लस इन संबंधों को और प्रगाढ़ करने में उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा.
पृष्ठभूमि
कोरिया प्लस की स्थापना के समझौता ज्ञापन पर पहले ही कोरिया के व्यापार, उद्योग और ऊर्जा मंत्रालय तथा भारत के राष्ट्रीय निवेश संवर्धन एवं सरलीकरण संस्था के उपक्रम "इनवेस्ट इंडिया" के बीच जनवरी 2016 में हस्ताक्षर किए गए थे. यह समझौता ज्ञापन मई 2015 में भारतीय प्रधानमंत्री की दक्षिण कोरिया दौरे का परिणाम है.
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