मंत्रिमंडल ने भारत हिंद महासागर क्षेत्र में बहुधात्विक सल्फाइड के अन्वेषण हेतु आईएसए अनुबंध को मंजूरी दी-(17-JUNE-2016) C.A

| Friday, June 17, 2016
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 15 जून 2016 को बहुधात्विक (पोली मैटेलिक) सल्फाइड से संबंधित हिन्द महासागर में आवंटित 10,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में अन्वेषण और अन्य विकासात्मक गतिविधियों को संचालित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सीबेड प्राधिकरण (आईएसए) के साथ पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के 15 साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर को अपनी मंजूरी दे दी.
यह अन्वेषण हिंद महासागर में स्थित – केंद्रीय और दक्षिण-पश्चिम भारतीय रिजों (एसडब्ल्यूआईआर) के हिस्सों में किया जाएगा.
अनुबंध के बारे में-
  • पन्द्रह साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर के साथ ही हिंद महासागर के इस क्षेत्र में बहुधात्विक सल्फाइड के अन्वेषण के लिए भारत के विशेष अधिकार पर औपचारिक मुहर भी लग जाएगी.
  • इससे हिंद महासागर में भारत की उपस्थिति में वृद्धि होगी जहां चीन, कोरिया और जर्मनी जैसे अन्य देश सक्रिय हैं.
  • अन्वेषण कार्य विभिन्न राष्ट्रीय संस्थानों और अनुसंधान प्रयोगशालाओं/ संगठनों के सहयोग से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अन्तर्गत किया जाएगा.
पृष्ठभूमि-
  • समुद्र तली में लोहा,तांबा,जस्ता,चांदी,सोना,प्लेटिनम युक्त यह बहुधात्विक सल्फाइड (पीएमएस) समुद्री क्रस्ट की चिमनी के माध्यम से गहराई में गर्म मेग्मा उमड़ने से तरल पदार्थ से बना अवक्षेप हैं.
  • पीएमएस के दीर्घकालिक वाणिज्यिक एवं सामरिक लाभ ने दुनिया भर का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है.
  • समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (यूएनसीएलओएस) के अधीन अंतर्राष्ट्रीय सीबैड प्राधिकरण (आईएसए) ने हिंद महासागर के केंद्रीय भारतीय रिज (सीआईआर) 85 दक्षिण- पश्चिम भारतीय रिज (एसडब्ल्यूआईआर) क्षेत्र में पोली मैटेलिक सल्फाइड (पीएमएस) के अन्वेषण के लिए 15 वर्षों की योजना के साथ 10,000 वर्ग किमी क्षेत्र का आवंटन करने के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) द्वारा प्रस्तुत आवेदन को अपनी मंजूरी दी.
  • आईएसए अंतर्राष्ट्रीय जल सीमा में सीबैड के अजीवित संसाधनों को नियंत्रित करता है.

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