मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने देश की सुरक्षा को खतरा बताते हुए 4 नवम्बर 2015 को 30 दिनों के लिए आपातकाल की घोषणा की.
मालदीव के संविधान के अनुच्छेद 253 में दिए गये अधिकार के तहत राष्ट्रपति देश में आपातकाल घोषित कर सकता है तथा इससे राष्ट्रपति कुछ नागरिक अधिकार भी रद्द कर सकता है.
राष्ट्रपति की ओर से जारी बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति ने बुधवार दोपहर 12 बजे से अगले 30 दिनों के लिए आपातकाल की घोषणा की है. आपातकाल की घोषणा इसलिए की गई कि मालदीव राष्ट्रीय सुरक्षा बल और मालदीव की पुलिस को मालदीव में दो अलग-अलग स्थानों पर भारी संख्या में हथियारों का पता लगा है.
मालदीव के संविधान के अनुच्छेद 253 में दिए गये अधिकार के तहत राष्ट्रपति देश में आपातकाल घोषित कर सकता है तथा इससे राष्ट्रपति कुछ नागरिक अधिकार भी रद्द कर सकता है.
राष्ट्रपति की ओर से जारी बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति ने बुधवार दोपहर 12 बजे से अगले 30 दिनों के लिए आपातकाल की घोषणा की है. आपातकाल की घोषणा इसलिए की गई कि मालदीव राष्ट्रीय सुरक्षा बल और मालदीव की पुलिस को मालदीव में दो अलग-अलग स्थानों पर भारी संख्या में हथियारों का पता लगा है.
राष्ट्रपति आवास के नजदीक हथियार और विस्फोटक बरामद होने के बाद आपातकाल लागू किया गया. इससे पहले उपराष्ट्रपति अहमद अदीब को 28 सितम्बर को राष्ट्रपति के पोत पर विस्फोटक रखने के सिलसिले में 25 अक्तूबर को गिरफ्तार किये जाने के बाद आपातकाल की घोषणा की गई. अधिकारियों का कहना है कि हत्या के प्रयास के लिए राष्ट्रपति के पोत पर विस्फोटक लगाए गए थे.
आपातकाल के दौरान पुलिस प्रदर्शनकारियों को बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर सकती है. राजनैतिक विशेषज्ञो का मानना है कि सरकार के विरोध में 7 नवम्बर 2015 को होने वाली रैली को दबाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है.
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