इजरायली सेना ने 27 नवम्बर 2015 को भारत के साथ संयुक्त रूप से विकसित लम्बी दूर तक मार करने वाली 'बराक-8' मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. इजरायल की सेना ने मिसाइल बराक-8 को पहली बार नौसैन्य जहाज से निशाने पर दागा और परिक्षण सफल रहा.
मिसाइल का अगला परीक्षण दिसंबर 2015 में भारतीय नौसेना के पोत आईएनएस कोलकाता से किया जा सकता है. इस पोत पर लॉन्चर और मिसाइलों का पता लगाने के लिए रडार पहले ही तैनात किए जा चुके हैं.
रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ), इजरायल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई), इजरायल्स एडमिनिस्ट्रेशन फॉर डेवलपमेंट ऑफ वेपंस एंड टेक्नोलॉजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर, एल्टा सिस्टम्स, राफेल और अन्य कंपनियों द्वारा इस मिसाइल को संयुक्त रूप से विकसित किया गया.
भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) को मिसाइल उत्पादन का काम सौंपा जाएगा. शुरुआती 32 मिसाइल आईएनएस कोलकाता पर तैनात की जाएंगी. इजरायल की हवाई रक्षा का दायरा बढाने के लिए सतह से हवा में मार करने वाली आधुनिक प्रणाली देश के तटवर्ती गैस क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए तैनात की जाएगी. प्रणाली से याकहोंट जैसी पोत भेदी मिसाइलों से इजरायली नौसैन्य पोतों की रक्षा में भी यह मदद करेगी. बराक-8 भारत और इजरायल द्वारा पहले से इस्तेमाल की जा रही बराक मिसाइल प्रणाली का नया रूप है. यह मिसाइल, विमानों और ड्रोन से नौसैन्य पोतों की रक्षा के लिए विकसित की गई है.
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