सीसीटीएनएस एवं आईसीजेएस परियोजना के कार्यान्वयन हेतु सीसीईए ने मंजूरी प्रदान की-(22-NOV-2015) C.A

| Sunday, November 22, 2015
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 18 नवम्बर 2015 को अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम ट्रैकिंग परियोजना (सीसीटीएनएस) को एक प्रमुख सुधार के लिए गृह मंत्रालय के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी प्रदान की.

इसके अतिरिक्त ई-कोर्ट, सीसीटीएनएस, ई-कारावास, फोरेंसिक औऱ अभियोजन-आपराधिक न्याय प्रणाली के महत्वपूर्ण अवयवों को एकीकृत करके एकीकृत आपराधिक न्याय प्रणाली को लागू करने का निर्णय भी लिया. 

सरकार ने मार्च 2017 तक आईसीजेएस के कार्यान्वयन सहित सीसीटीएनएस परियोजना को तेजी से पूरा करने और कार्यान्यवयन करने का निर्णय लिया.
अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम
•    इससे पूरे देश में करीब 15,000 पुलिस थाने, 5000 अन्य पर्यवेक्षी पुलिस अधिकारियों के कार्यालय और प्रथम सूचना रिपोर्ट, जांच तथा चार्जशीट का डिजिटल डाटा एक दूसरे से जुड़ जायेगा.
•    यह अपराध और अपराधियों के एक राष्ट्रीय डाटाबेस के विकास के लिए सहायक होगा.
•    सभी नए घटकों के साथ इस परियोजना का पूरा कार्यान्वयन एक केंद्रीय नागरिक पोर्टल के रूप में सामने आएगा जो कि राज्य स्तरीय नागरिक पोर्टल्स के साथ जुड़ा रहेगा और कई नागरिक अनुकूल सेवाएं प्रदान करेगा.
•    परियोजना के लिए कुल परिव्यय 2000 करोड़ रुपये है और साथ ही इसमें मार्च 2022 तक के अतिरिक्त पांच वर्ष के प्रचालन एवं अनुरक्षण चरण शामिल हैं.

एकीकृत आपराधिक न्याय प्रणाली (आईसीजेएस)

सीसीईए ने वर्ष 2017 तक एकीकृत आपराधिक न्याय प्रणाली के भी लागू किये जाने का निर्णय लिया. इसके लिए ई-कोर्ट, ई-कारावास, फोरेंसिक एवं प्रॉसिक्यूशन की सहायता ली जाएगी. 

आईसीजेएस के प्रभाव
•    इससे आपराधिक न्याय प्रणाली के विभिन्न स्तंभों के बीच त्वरित डेटा हस्तांतरण सुनिश्चित किया जायेगा.
•    इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि प्रसंस्करण समय भी कम हो जाएगा.
•    इससे पूरे देश में किसी वांछित या अपराधी के नाम को क्षेत्रीय भाषाओं में भी खोजने में मदद मिलेगी जिससे अंतर्राजीय स्तर पर अपराधियों के खोजबीन और ट्रैकिंग में मदद मिलेगी.

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