मलेशिया-भारत सामरिक साझेदारी बढ़ाने हेतु संयुक्त वक्तव्य जारी-(25-NOV-2015) C.A

| Wednesday, November 25, 2015
मलेशिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद नजीब तुन अब्दुल रजाक और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 नवंबर 2015 को मलेशिया-भारत सामरिक साझेदारी पर संयुक्त वक्तव्य जारी किया. यह संयुक्त वक्तव्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मलेशिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान जारी किया गया.
दोनों नेताओं ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में विकास, आर्थिक विकास और स्थिरता को बढ़ावा देने में मलेशिया और भारत द्वारा किए गए योगदान की सराहना की. दोनों प्रधानमंत्रियों ने वर्ष 2015-2020 के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के लिए समझौता किया.
दोनों देशों के बीच सामरिक भागीदारी को विकसित करने हेतु लिए गए निर्णय:

राजनीतिक परामर्श
  • शिखर सम्मेलन, मंत्रिमंडलीय बातचीत और आधिकारिक बैठकें नियमित रूप से आयोजित करने पर सहमत
  • दोनों देशों ने रक्षा सचिव और महासचिव स्तर पर भी अगला भारत-मलेशिया रक्षा सहयोग बैठक आयोजित करने पर सहमति जताई.
  • व्यापार और उद्योग, परिवहन, लोक निर्माण और बुनियादी सुविधाओं के प्रभारी मंत्रियों के बीच कैबिनेट स्तर पर नियमित आदान-प्रदान की व्यवस्था करने के लिए सहमत हुए
  • द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति हेतु दोनों देशों के विदेश कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच नियमित वार्ता
रक्षा और सुरक्षा
  • रक्षा मंत्रियों, वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों, सशस्त्र सेवाओं के प्रमुखों के माध्यम से रक्षा के क्षेत्र में सूचना के आदान-प्रदान पर सहमत हुए.
  • रक्षा संबंधी आदान-प्रदान रक्षा मंत्रियों, वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों, सशस्त्र सेनाओं के प्रमुखों और सैन्यकर्मियों से सैन्यकर्मियों के बीच वार्ताओं के माध्यम से किया जाए.
  • दोनों देश राजनीतिक विचार विमर्श को बढ़ाने पर सहमत हुए तथा नियमित अंतराल पर शिखर बैठकें करने और बहुपक्षीय आयोजनों के समय भी अलग से द्विपक्षीय बातचीत करने को सहमत हुए.
  • दोनों पक्ष रक्षा क्षेत्र में विभिन्न स्तरों पर नियमित वार्ता और आदान प्रदान करने पर सहमत हुए जिसमें रक्षा मंत्रियों, वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों, सशस्त्र सेनाओं के प्रमुखों और सैन्यकर्मियों के स्तर पर वार्ताएं शामिल हैं.
  • देशों ने रक्षा सचिव और महासचिव स्तर पर भी अगला भारत-मलेशिया रक्षा सहयोग बैठक आयोजित करने पर भी सहमति जताई.
  • दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में आपसी हित की परियोजनाओं पर संयुक्त समन्वय बढ़ाने का भी फैसला किया.
  • दोनों देशों ने सभी राज्यों को आतंकवाद को अस्वीकार करने और आतंकवाद के दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने की जरूरत पर बल दिया और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए दोनों देशों के बीच जारी सहयोग का स्वागत किया.
  • दोनों देशों ने मलेशिया में भारतीय पायलटों द्वारा एसयू 30 एमकेएम प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफलतापूर्वक संपन्न कराने में भारतीय मदद को और आगे बढ़ाते हुए दोनों पक्ष प्रशिक्षण, रखरखाव, तकनीकी सहायता और सुरक्षा संबंधित मुद्दों पर सहयोग के लिए एसयू-30 मंच गठित करने पर सहमत हुए.
  • दोनों देश भारतीय तटरक्षक और मलेशियाई समुद्री प्रवर्तन एजेंसी के प्रमुखों के बीच वार्षिक वार्ताएं आयोजित करने पर सहमत हुए.
  • मानवीय सहायता, आपदा राहत और व्हाइट शिपिंग की जानकारी के आदान-प्रदान के लिए तंत्र स्थापित करने पर सहमत हुए.
  • भारत के संयुक्त राष्ट्र शांति-स्थापना केंद्र और मलेशिया के संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र (एमपीसी) के बीच संपर्क स्थापित करने के लिए सहमत हुए.
  • दोनों देशों ने आतंकवाद के साथ ही अन्य पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों से उपजी चुनौतियों से निपटने के लिए जानकारी और सर्वश्रेष्ठ उपायों का आदान-प्रदान जारी रखने पर भी सहमति जताई.
  • दोनों देश सजायाफ्ता कैदियों को एक-दूसरे के कारागारों में हस्तांतरण के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए वार्ता आगे बढ़ाने पर भी सहमत हुए.
पर्यटन और शिक्षा
  • मलेशिया में 2015 में भारत महोत्सव की सफलता को स्वीकार किया.
  • कुआलालंपुर में भारतीय उच्चायोग द्वारा प्रबंधित भारतीय छात्रवृत्ति ट्रस्ट फंड के लिए 50 लाख रुपए का भारत से अतिरिक्त योगदान का स्वागत किया गया.
  • नरेंद्र मोदी ने मलेशिया में सांस्कृतिक केंद्र का नाम सुभाष चंद्र बोस के नाम पर करने की भी घोषणा की.
  • दोनों देशों ने खासतौर से अवसंरचना और निर्माण क्षेत्र में संयुक्त सहयोग को बढ़ावा देने और मलेशियाई उद्यमों को निवेश का अवसर देती भारत की \मेक इन इंडिया, \डिजिटल इंडिया जैसी नई विकासशील और व्यापारिक पहलों के अनुरूप दोनों देशों के निजी क्षेत्रों के बीच संयुक्त परियोजनाओं और सहभागिता को बढ़ाने पर भी सहमति जताई.
  • भारत और मलेशिया ने पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों पर भी अधिक सहयोग पर सहमति जताई.
  • आयुर्वेद और अन्य भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में दोनों देशों के बीच और ज्यादा सहयोग की जरूरत को देखते हुए मलेशिया ने भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम के तहत भारत से एक आयुर्वेदिक चिकित्सक और दो थेरेपिस्टों की प्रतिनियुक्ति का स्वागत किया.
इसके अलावा, दोनों देश मानव संसाधन, स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, लोक प्रशासन, जैसे विभिन्न क्षेत्रों में पारस्परिक रूप से काम करने पर सहमत हुए.

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