दिल्ली सरकार द्वारा नियुक्त चेतन संघी पैनल ने 17 नवम्बर 2015 को अपनी रिपोर्ट सौंपते हुए दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के निलंबन की सिफारिश की.
सतर्कता विभाग के प्रधान सचिव चेतन संघी की अगुआई वाली तीन सदस्यीय समिति का गठन डीडीसीए में मुख्यमंत्री द्वारा शिकायत प्राप्त किये जाने के पश्चात् कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए किया गया था.
सतर्कता विभाग के प्रधान सचिव चेतन संघी की अगुआई वाली तीन सदस्यीय समिति का गठन डीडीसीए में मुख्यमंत्री द्वारा शिकायत प्राप्त किये जाने के पश्चात् कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए किया गया था.
समिति के अन्य सुझाव
• इसके सुझावों के अनुसार बीसीसीआई को ज्ञापन और नियम 32 (7) के अनुसार डीडीसीए को निलंबित कर दिया जाना चाहिए.
• समिति ने राष्ट्रीय राजधानी में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए डीडीसीए में सुधार के लिए सुझाव दिए.
• इसमें दिए गये सुझावों के अनुसार पेशेवर क्रिकेटरों की अंतरिम समिति द्वारा राजधानी में खेल के मामलों का प्रबंधन करना चाहिए.
• सरकार को क्रिकेट प्रशासक के मामलों की जांच के लिए अधिनियम 1952 के तहत एक आयोग का गठन करना चाहिए.
• समिति ने पाया कि डीडीसीए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सरकार द्वारा वित्त पोषित है तथा इसे सूचना के अधिकार के अंतर्गत लाना चाहिए. यह सुझाव दिया गया कि डीडीसीए के अधिकारी भ्रष्टाचार निरोधक कानून, 1988 के अधीन आने चाहिए.
• सुझावों के अनुसार, दिल्ली सरकार को क्रिकेट सहित विभिन्न खेलों पर कानून बनाने चाहिए ताकि खेलों में होने वाले घोटालों को रोका जा सके एवं खिलाड़ियों के चयन में पूर्ण पारदर्शिता लाई जा सके.
यह रिपोर्ट उस समय आई है जब भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के लिए मैच का स्थान चयन करने के लिए डीडीसीए ने बीसीसीआई से समयसीमा एक दिन बढ़ाये जाने की मांग की है.
• इसके सुझावों के अनुसार बीसीसीआई को ज्ञापन और नियम 32 (7) के अनुसार डीडीसीए को निलंबित कर दिया जाना चाहिए.
• समिति ने राष्ट्रीय राजधानी में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए डीडीसीए में सुधार के लिए सुझाव दिए.
• इसमें दिए गये सुझावों के अनुसार पेशेवर क्रिकेटरों की अंतरिम समिति द्वारा राजधानी में खेल के मामलों का प्रबंधन करना चाहिए.
• सरकार को क्रिकेट प्रशासक के मामलों की जांच के लिए अधिनियम 1952 के तहत एक आयोग का गठन करना चाहिए.
• समिति ने पाया कि डीडीसीए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सरकार द्वारा वित्त पोषित है तथा इसे सूचना के अधिकार के अंतर्गत लाना चाहिए. यह सुझाव दिया गया कि डीडीसीए के अधिकारी भ्रष्टाचार निरोधक कानून, 1988 के अधीन आने चाहिए.
• सुझावों के अनुसार, दिल्ली सरकार को क्रिकेट सहित विभिन्न खेलों पर कानून बनाने चाहिए ताकि खेलों में होने वाले घोटालों को रोका जा सके एवं खिलाड़ियों के चयन में पूर्ण पारदर्शिता लाई जा सके.
यह रिपोर्ट उस समय आई है जब भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के लिए मैच का स्थान चयन करने के लिए डीडीसीए ने बीसीसीआई से समयसीमा एक दिन बढ़ाये जाने की मांग की है.
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