2015 के सबसे गर्म वर्ष होने की संभावनाः विश्व मौसम विज्ञान संगठन-(28-NOV-2015) C.A

| Saturday, November 28, 2015
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने वर्ष 2011–15 में वैश्विक जलवायु की स्थिति पर 25 नवंबर 2015 को अनंतिम बयान जारी किया. इसके मुताबिक 2015 में वैश्विक औसत सतही तापमान के ऑन रिकॉर्ड सबसे अधिक गर्म होने की संभावना है.
वर्ष 2015 में औसत सतही तापमान पूर्व– औद्योगिक युग से उपर 1°C के प्रतीकात्मक और महत्वपूर्ण माइलस्टोन पर पहुंच सकता है.
ऐसे सतही तापमान की वजह मजबूत अल नीनो और मानव प्रेरित ग्लोबल वार्मिंग है. 
विश्लेषण के मुख्य तथ्य
• रिकॉर्ड पर वर्ष  2011–2015 अब तक का सबसे अधिक गर्म पंचवर्षीय अवधि है. यह मानक 1960–90 वर्ष अवधि के लिए औसत से करीब 0.57°C (1.01°F) पर है. 
• 2015 में वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों का स्तर नई ऊंचाई पर पहुंच गया. 
• 2015 में उत्तरी गोलार्द्ध के वसंत ऋतु में पहली बार कार्बनडाइऑक्साइड ( CO2 ) का तीन माह का वैश्विक औसत 400 भाग प्रति मिलियन बैरियर को पार कर गया. 
• वर्ष  2015 में शक्तिशाली अल नीनो भी आया, जो अभी भी अपनी शक्ति को बढ़ा रहा है. इसने विश्व के कई हिस्सों में मौसम के पैटर्न को प्रभावित किया और असाधारण रूप से अक्टूबर के महीने को गर्म बनाने में अहम भूमिका निभाई. 
• अल नीनो के समग्र गर्म करने के प्रभाव का वर्ष 2016 में भी जारी रहने की उम्मीद है. 
• जनवरी से अक्टूबर 2015 तक के आंकड़ों पर आधारित प्राथमिक अनुमान यह बताते हैं कि 2015 के लिए वैश्विक औसत सतही तापमान 1961–1990 के 14.0°C के औसत से करीब 0.73 °C उपर और पूर्व औद्योगिक अवधि 1880– 1899 से करीब 1°C उपर था. 
• रिकॉर्ड के अनुसार दक्षिण अमेरिका के लिय यह वर्ष  अब तक का सबसे गर्म वर्ष  रहा जबकि एशिया ( 2007 के जैसा ही) और अफ्रीका, यूरोप में यह वर्ष  दूसरा सबसे गर्म वर्ष  के तौर पर दर्ज किया गया. 
2015 की मुख्य विशेषताएं
अल नीनोः अल नीनो वर्ष 2014 की गर्मियों में उत्तरी प्रशांत क्षेत्र से शुरु हुआ था और वर्ष 2015 में यह दक्षिण प्रशांत और हिन्द महासागर तक फैल गया. परंपरागत अल नीनो प्रभाव के अनुसार मध्य अमेरिका के बड़े हिस्सों और बहुत बड़े कैरेबियाई इलाकों में औसत से कम वर्षा दर्ज की गई. 
महासागरीय ताप और समुद्र के स्तर का बढ़नाः महासागर मनुष्यों द्वारा जलवायु प्रणाली में छोड़े जाने वाले ग्रीनहाउस गैसों से पैदा होने वाली ऊर्जा का 90 फीसदी से भी ज्यादा अवशोषित कर लेते हैं. वर्ष   2015 के पहले नौ महीनों में वैश्विक महासागर ताप सामग्री रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई. 
क्षेत्रीय तापमानः ज्यादातर अवलोकित इलाकों खासकर पश्चिमी उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के बड़े भू–भाग, अफ्रीका और दक्षिणी एवं पूर्वी यूरेशिया में औसत तापमान से अधिक गर्म तापमान रिकॉर्ड किया गया.
गर्महवाएं (लू): प्रमुख गर्महावओं (लू) ने मई और जून 2015 में भारत को प्रभावित किया. इस दौरान औसत अधिकतम तापमान व्यापक रूप से 42°C से अधिक रहा और कुछ इलाकों में यह 45°C से उपर चला गया. गर्म हवाओं ने यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व को वसंत और ग्रष्म ऋतु के आखिर में प्रभावित किया. 
बारिश और सूखाः अधिक बारिश वाले इलाकों में अमेरिका के दक्षिणी इलाके, मैक्सिको, बोलिविया, दक्षिणी ब्राजील, दक्षिणपूर्व यूरोप, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के इलाके शामिल हैं. 2015 में बुर्किना फासो और माली के कई हिस्सों में असाधारण मौसमी वर्षा दर्ज की गई. 
वर्ष  2015 में  24 घंटे के कुल वर्षा के पैटर्न के सामान्य मासिक औसत से अधिक होने के कई मामले दर्ज हुए. सूखे प्रदेशों में मध्य अमेरिका, कैरेबिया, उत्तरपूर्व दक्षिण अमेरिका, मध्य यूरोप और रूस के इलाके, दक्षिणपूर्व एशिया, इंडोनेशिया और दक्षिणी अफ्रिका शामिल हैं.
उष्णकटिबंधीय चक्रवातः जनवरी 2015 से 10 नवंबर 2015 के बीच पूरे विश्व में कुल 84 उष्णकटिबंधीय चक्रवात बने. 24 अक्टूबर को मेक्सिको में आया पेट्रीसिया तूफान दर्ज किया गया सबसे शक्तिशाली तूफान था. उत्तरपश्चिम प्रशांत बेसिन में 25 नामित तूफान दर्ज किए गए. छह तूफान चीन में भूस्खलन के जिम्मेदार रहे. चार नामित तूफान उत्तरी हिन्द महासागर में बने.
आर्कटिक और अंटार्कटिकः वर्ष  2015 में दैनिक अधिकतम समुद्री  बर्फ मात्रा जो 25 फरवरी 2015 को हुआ, वह 14.54 मिलियन किमी के साथ सबसे कम था. न्यूनतम समुद्री बर्फ मात्रा 11 सितंबर 2015 को रहा, यह मात्रा 4.41 मिलियन किमी थी. यह उपग्रह रिकॉर्ड का चौथा सबसे न्यूनतम रिकॉर्ड था.
जलवायु परिवर्तन अधिकारः वर्ष  2011 से 2014 के बीच बुलेटिन ऑफ द अमेरिकन मेटरोलॉजिकल सोसायटी द्वारा प्रकाशित 79 अध्ययनों में से आधे से अधिक ने पाया कि मानवीय जलवायु परिवर्तन ने चरम घटनाओं में योगदान दिया. सबसे लगातार प्रभाव अत्यधिक गर्मी पर पड़ा है. 
डब्ल्यूएमओ के विश्लेषण पद्धति के बारे में
• वैश्विक जलवायु की स्थिति पर डब्ल्यूएमओ की रिपोर्ट डब्ल्यूएमओ के 191 सदस्य देशों के योगदान पर आधारित है. 
• वैश्विक तापमान विश्लेषण हेडली सेंट्र ऑफ द यूके मेट ऑफिस और क्लाइमेट रिसर्च यूनिट, यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया, यूनाइटेड किंग्डम; अमेरिकी एनओएए नेशनल सेंटर्स फॉर इंवायरमेंटल इंफॉर्मेशन और द गोडार्ड इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस स्टडीज (जीआईएसएस) से प्राप्त डाटासेट पर किया गया है. 
• वैश्विक औसत तापमानों का अनुमान पुनर्विश्लेषण प्रणालियों का उपयोग कर किया गया है जो एक मौसम पूर्वानुमान प्रणाली का उपयोग करता है. यह प्रणाली वैश्विक तपमानों का अधिक पूर्ण तस्वीर मुहैया कराने के लिए कई स्रोतों से प्राप्त आंकड़ों को मिलाकर इस्तेमाल करती है. 
• डब्ल्यूएमओ यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम– रेंज वेदर फोरकास्ट और द जापान मेट्रोलॉजिकल एजेंसी द्वारा दिए गए पुनर्विश्लेषण से आंकड़े का उपयोग करता है.

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