नवम्बर 2015 के पहले सप्ताह में पंजाबी भाषा को कनाडा की संसद की तीसरी आधिकारिक भाषा का दर्जा प्रदान किया गया. हाऊस ऑफ कामंस (कनाडा की संसद) में अक्टूबर 2015 को हुए चुनावों में दक्षिण एशियाई मूल के 23 लोगों ने जीत दर्ज की. इनमें पंजाबी भाषा बोलने वाले 20 सांसद हैं.
पंजाबी नहीं बोल पाने वाले सांसदों में चंद्र आर्य, गैरी आनंदसांगरी (तमिल) और मरियम मोसेफ (अफगान मूल) हैं. इनमें 18 लिबरल पार्टी और दो कंजरवेटिव पार्टी के सदस्य हैं.
पंजाबी बोलने वाले नवनिर्वाचित सांसदों में 14 पुरुष और छह महिलाएं हैं. इनमें ओंटारियो के 12, ब्रिटिश कोलंबिया के चार, अल्बर्टा के तीन और क्यूबेक प्रांत के एक संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
पंजाबी नहीं बोल पाने वाले सांसदों में चंद्र आर्य, गैरी आनंदसांगरी (तमिल) और मरियम मोसेफ (अफगान मूल) हैं. इनमें 18 लिबरल पार्टी और दो कंजरवेटिव पार्टी के सदस्य हैं.
पंजाबी बोलने वाले नवनिर्वाचित सांसदों में 14 पुरुष और छह महिलाएं हैं. इनमें ओंटारियो के 12, ब्रिटिश कोलंबिया के चार, अल्बर्टा के तीन और क्यूबेक प्रांत के एक संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
स्टैटिसटिक्स कनाडा-2011 के नेशनल हाउसहोल्ड सर्वे के अनुसार कनाडा में 4,30705 लोगों ने पंजाबी को अपनी मातृभाषा बताया जो कि कनाडा की कुल जनसंख्या का 1.3 प्रतिशत है. इंग्लिश एवं फ्रेंच के बाद पंजाबी कनाडा की तीसरी अधिकारिक भाषा बन गयी है.
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