अब तक के सबसे शक्तिशाली तूफान पेट्रीसिया ने 23 अक्टूबर 2015 को मैक्सिको के प्रशांत तट पर दस्तक दी. 165 मील प्रति घंटे की रफ्तार वाली विनाशकारी हवाओं के साथ आए इस तूफान ने हजारों घरों को उजाड़ दिया और समुद्र के किनारे स्थित सैरगाहों को तबाह कर दिया.
पेट्रीसिया मैक्सिको प्रशांत तट के सबसे बड़े कंटेनर बंदरगाह से 55 मील की दूरी पर मैनजानीलो के पश्चिम– उत्तर-पश्चिम में था. तूफ़ान से किसी के भी हताहत होने की सूचना नहीं है. अधिकारियों के अनुसार क्षति का आकलन, अनुमान से कम है.
अमेरिकी के राष्ट्रीय तूफान केंद्र ने तूफान को श्रेणी पांच का तूफान घोषित किया था. जो इस क्षेत्र में सर्वोच्च श्रेणी है. तूफान की रफ्तार कम होने से यह कमजोर होकर श्रेणी चार हो गया. आगामी कुछ घंटों में एक उष्णकटिबंधीय तूफान की तरह इसे डाउनग्रेड कर दिया जाएगा. चेतावनी दी गयी है कि यह ग्रामीण इलाकों में जीवन के लिए खतरा साबित होने वाली बाढ़ और भूस्खलन की वजह बनेगा.
हाल के वर्षों में आए कुछ शक्तिशाली तूफान-
टाइफोन टिपः 190 मील प्रति घंटा की हवा की रफ्तार वाला यह अब तक का सबसे बडा और सबसे तीव्र चक्रवात था. अक्टूबर 1979 में यह जापान में आया और करीब 100 लोगों की मौत की वजह बना.
एलन तूफानः 190 मील प्रति घंटा हवा की रफ्तार वाला यह सबसे शक्तिशाली अटलांटिक तूफान था. इसने हैती और अमेरिकी राज्य टेक्सास में अगस्त 1980 में दस्तक दी. इस तूफ़ान की वजह से 300 लोगों की मौत हुई थी.
बांग्लादेश चक्रवातः इसे 02 बी के नाम से भी जाना जाता है. 155 मील प्रति घंटा के इस तूफान ने बांग्लादेश के दक्षिणपूर्वी जिले चटगांव में 29 अप्रैल 1991 को दस्तक दी थी. यह चक्रवात 1,38,000 लोगों की मौत की वजह बना था.
ओडीशा चक्रवातः इसे 05 बी चक्रवात भी कहा जाता है और उत्तरी हिन्द महासागर में अब तक दर्ज किए जाने वाले चक्रवातों में पारादीप चक्रवात सबसे मजबूत उष्णकटिबंधीय चक्रवात था. 1971 के बाद से आने वाला यह सबसे अधिक तबाही मचाने वाला भारतीय चक्रवात था. इसने कम–से–कम 10000 लोगों की जान ली. इससे अधिकांश मृत्यु भारत में हुई.
कैटरीना तूफानः यह 175 मील प्रति घंटे की रफ्तार से अमेरिका के लुइसियाना और मिसिसिपी राज्यों में अगस्त 2005 में आया और कम से कम 1836 लोगों की मृत्यु का कारण बना.
विल्मा तूफानः 184 मील प्रति घंटे की रफ्तार वाला यह तूफान अटलांटिक बेसिन के सबसे सघन उष्णकटिबंधीय चक्रवातों में से था. इसने अक्टूबर 2005 में कैरेबियाई और मैक्सिको की खाड़ी में तबाही मचाई और इसकी वजब से करीब 87 लोग की जान गई.
हैईयान तूफानः नवंबर 2013 में फिलिपिन्स में आया था. हवा की गति 196 मील प्रति घंटा के करीब थी. कम– से– कम 6300 लोगों की मौत हुई थी.
तूफान का श्रेणीकरण-
तूफानी हवाओं का वर्गीकरण करने वाला सैफिर– सिम्पसन स्केल, तूफान की तीव्रता और उससे होने वाले अनुमानित संपत्ति नुकसान के आधार पर वर्गीकृत करता है.
श्रेणी 1:74 से 95 मील प्रति घंटा, इसकी वजह से कुछ नुकसान हो सकता है.
श्रेणी 2: 96 से 110 मील प्रति घंटा, इसकी वजह से व्यापक क्षति हो सकती है.
श्रेणी 3: 111 से 129 मील प्रति घंटा, ये भारी क्षति के कारण बन सकते हैं.
श्रेणी 4: 130 से 156 मीलप्रतिघंटा, ये भयावह नुकसान कर सकते हैं.
श्रेणी 5: 157 मील प्रति घंटा और उससे अधिक, ये बहुत बड़े पैमाने पर नुकसान कर सकते हैं.
श्रेणी 1:74 से 95 मील प्रति घंटा, इसकी वजह से कुछ नुकसान हो सकता है.
श्रेणी 2: 96 से 110 मील प्रति घंटा, इसकी वजह से व्यापक क्षति हो सकती है.
श्रेणी 3: 111 से 129 मील प्रति घंटा, ये भारी क्षति के कारण बन सकते हैं.
श्रेणी 4: 130 से 156 मीलप्रतिघंटा, ये भयावह नुकसान कर सकते हैं.
श्रेणी 5: 157 मील प्रति घंटा और उससे अधिक, ये बहुत बड़े पैमाने पर नुकसान कर सकते हैं.
तूफानों के नामकरण का तरीका जो उन्हें अलग–अलग क्रमांकित कर सकता है-
तूफानों के नामकरण की प्रक्रिया 1953 में शुरु हुई थी और तब से अब तक जारी है. तूफानों का नाम वर्णमाला के क्रम में रखा जाता है जिसमें से क्यू, यू, एक्स, वाई और जेड को हटा दिया गया है. अमेरिकी एजेंसी, विश्व मौसम विज्ञान संगठन अंतरराष्ट्रीय समिति (डब्ल्यूएमओ), अटलांटिक उष्णकटिबंधीय तूफान जो कभी– कभी चक्रवात बन जाते हैं, नाम रखने के प्रभारी है. सूची राष्ट्रीय तूफान केंद्र द्वारा बनाई जाती है.
तूफानों के नामकरण की प्रक्रिया 1953 में शुरु हुई थी और तब से अब तक जारी है. तूफानों का नाम वर्णमाला के क्रम में रखा जाता है जिसमें से क्यू, यू, एक्स, वाई और जेड को हटा दिया गया है. अमेरिकी एजेंसी, विश्व मौसम विज्ञान संगठन अंतरराष्ट्रीय समिति (डब्ल्यूएमओ), अटलांटिक उष्णकटिबंधीय तूफान जो कभी– कभी चक्रवात बन जाते हैं, नाम रखने के प्रभारी है. सूची राष्ट्रीय तूफान केंद्र द्वारा बनाई जाती है.
तूफान के नामकरण की प्रक्रिया में छह वर्षों की सूची पर विचार किया जाता है और प्रत्येक छह वर्षों में सूची का फिर से उपयोग किया जाता है (2008 की सूची का 2014 में इस्तेमाल किया जा रहा है). इससे पहले, नाम सूची में सिर्फ महिलाओं के नाम रखे जाते थे लेकिन 1979 में सूची को अद्यतन किया गया और इसमें पुरुषों के नाम भी दिखे. ये नाम महिलाओं के नाम के साथ वैकल्पिक हैं.
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