इक्वाडोरन और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की टीम ने प्रशांत क्षेत्र के गैलापागोस द्वीप में विशालकाय कछुओं की नई प्रजाति की पहचान की है. इसका नाम केलोनोइडिस डॉनफौस्टोई है. नई प्रजाति के कछुए का नाम गैलापागोस पार्क के सेवानिवृत्त रेंजर के नाम पर रखा गया
केलोनोइडिस डॉनफौस्टोई की खोज 21 अक्टूबर 2015 को जर्नल प्लस में प्रकाशित की गई.
पहचानी गई नई प्रजाति को ईस्टर्न सांता क्रूज टॉर्टाइज भी कहते हैं, ये प्रजाति सांताक्रूज द्वीप के पूर्वी हिस्से में रहते हैं और ये आनुवंशिक रूप से दूसरे द्वीपों पर पाए जाने वाले कछुओं से भी अलग थे.
ये 250, धीरे चलने वाले सरिसृप अन्य प्रजाजियों की तुलना में संकुचित कवच के साथ सांता क्रूज द्वीप पर पाए जाने वाले अन्य प्रजातियों की तुलना में अधिक संकुचित आकार ग्रहण कर सकते हैं, इसलिए ये अलग हैं. पूर्व में दो प्रजातियों को अलग करने की प्रक्रिया अपनाई गई. पहले इसे एक ही नाम वाली प्रजाती, सी. पॉर्टर, रखने पर विचार किया गया.
वैज्ञानिकों की टीम ने इस वर्गिकी के तहत, दो प्रजातियों को आनुवंशिक और रूपात्मक अध्ययन के जरिए अलग किया है. उन्होंने द्वीप के पश्चिमी और पूवी क्षेत्रों में दो विकासात्मक और स्थानिक तौर पर अलग प्रजातियां पाईं, जिन्हें क्रमशः रिसर्वा और सेर्रो फैटल आबादी के नाम से जाना जाता है.
प्राकृतिक आबादियों और संग्रहालय के नमूनों से लिए गए डीएनए के विश्लेषण, इसमें सी. पोर्टेरी के लिए भी नमूना शामिल है, ने इन दो वंशावलियों में आनुवांशिक अलगाव की पुष्टि की और सेर्रो फैटल कछुओं को प्रजाति कहलाने का समर्थन किया. उन्होंने इस बात की पहचान की कि डीएनए के गुण नई प्रजातियों को परिभाषित करते हैं और गैलापागोस कछुओं की अन्य प्रजातियों के सापेक्ष विकास के संबंधों का अनुमान लगाया.
आज तक यह माना जाता था कि द्वीप पर पाए जाने वाले दो विशालकाय कछुओं की आबादी एक ही प्रजाति की है लेकिन आनुवंशिक परीक्षण ने इसे गलत साबित कर दिया.
गैलापागोस में विशाल कछुए
केलोनोइडिस डॉनफौस्टोई इस द्वीप समूह आर्कीपेलागो पर खोजी गई कछुओं की 15 ज्ञात प्रजातियों में से एक है हालांकि इनमें से चार अब विलुप्त हो चुकी हैं. चूंकि इस प्रजाति कि अनुमानित संख्या लगभग 250 है इसलिए इसके संरक्षण और बनाए रखने की जरूरत है.
गैलापागोस में विशाल कछुए
केलोनोइडिस डॉनफौस्टोई इस द्वीप समूह आर्कीपेलागो पर खोजी गई कछुओं की 15 ज्ञात प्रजातियों में से एक है हालांकि इनमें से चार अब विलुप्त हो चुकी हैं. चूंकि इस प्रजाति कि अनुमानित संख्या लगभग 250 है इसलिए इसके संरक्षण और बनाए रखने की जरूरत है.
गैलापागोस के विशालकाय कछुओं का वजन 250 किलो तक हो सकता है और यह 100 से अधिक वर्षों तक जीवित रहते हैं.
विशालकाय कछुए ब्रिटिश प्रकृतिवादी चार्ल्स डार्विन द्वारा 1830 के दशक में गैलापागोस द्वीपों पर बारीकी से अध्ययन किए जाने वाले प्राणियों में से हैं.
विशालकाय कछुए ब्रिटिश प्रकृतिवादी चार्ल्स डार्विन द्वारा 1830 के दशक में गैलापागोस द्वीपों पर बारीकी से अध्ययन किए जाने वाले प्राणियों में से हैं.
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