एयर मार्शल वीरेंद्र मोहन खन्ना ने 1 नवम्बर 2015 को नई दिल्ली स्थित वायु सेना मुख्यालय में एयर ऑफिसर-इन-चार्ज, रख-रखाव (एओएम) का पदभार ग्रहण किया.
खन्ना ने भारतीय वायु सेना की एयरोनाटिकल इंजीनियरिंग शाखा के यांत्रिक विभाग में 25 जुलाई 1977 को कार्य करना आरंभ किया था.
खन्ना ने भारतीय वायु सेना की एयरोनाटिकल इंजीनियरिंग शाखा के यांत्रिक विभाग में 25 जुलाई 1977 को कार्य करना आरंभ किया था.
एयर मार्शल ने कुरुक्षेत्र स्थित स्थानीय इंजीनियरिंग कॉलेज से स्नातक डिग्री ग्रहण की तथा औद्योगिक इंजीनियरिंग और प्रबंधन में स्नातकोतर डिग्री खड़गपुर स्थित आईआईटी से की. वे वेलिंगटन में भी पढाई कर चुके हैं. इसके अतिरिक्त उन्होंने पत्रकारिता एवं मानव अधिकार में भी स्नातकोतर डिप्लोमा किया है.
अपने 38 वर्ष के करियर में खन्ना एयरक्राफ्ट के डायरेक्टर जनरल तथा एयर स्टाफ इंजीनियरिंग (ट्रांसपोर्ट एवं हेलिकॉप्टर) के असिस्टेंट चीफ रह चुके हैं. वे पूर्वी वायु सेना के इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख भी रह चुके हैं. उन्होंने बेस रिपेयर डिपो में मुख्य उत्पादन एवं योजना तथा कमांडिंग ऑफिसर के रूप में भी कार्य किया है. इसके अतिरिक्त उन्होंने एमआई-17 वी5 हेलिकॉप्टर, हॉक एजेटी को सेना में शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
इसके अलावा खन्ना अंटार्कटिक में भारतीय वायुसेना द्वारा आयोजित दो अभियानों में शामिल हुए, इस दौरान वहां दो स्थायी बेस, दक्षिण गंगोत्री और मैत्री बनाये गये.
उन्हें विशिष्ट सेवा मेडल एवं अति विशिष्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है.
इसके अलावा खन्ना अंटार्कटिक में भारतीय वायुसेना द्वारा आयोजित दो अभियानों में शामिल हुए, इस दौरान वहां दो स्थायी बेस, दक्षिण गंगोत्री और मैत्री बनाये गये.
उन्हें विशिष्ट सेवा मेडल एवं अति विशिष्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है.
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