रक्षा मंत्रालय ने 7 नवम्बर 2016 को भारत की सैन्य तैयारियों को दुरुस्त करने के लिए 82 हजार करोड़ रुपये के रक्षा सौदों को मंजूरी दे दी है. इस धन से लड़ाकू विमान, टैंक, रॉकेट और मिनी ड्रोन खरीदे जाएंगे. इसके साथ ही रक्षा सौदों में गड़बड़ी करने वाली कंपनियों को काली सूची में डाले जाने की नीति में बदलाव किया गया है. परिषद ने वायु सेना की 83 तेजस मार्क 1ए विमान खरीदने की योजना को मंजूरी दे दी है. इसने लगभग 2911 करोड़ रुपये की लागत से थल सेना और वायु सेना के लिए एचएएल द्वारा निर्मित 15 हल्के लड़ाकू विमानों को खरीदने की भी स्वीकृति दे दी. बैठक में रूस निर्मित 464 टी90 टैंकों के लिए दोबारा ऑर्डर भेजने को मंजूरी दी गई. लगभग 13,448 करोड़ रुपये की लागत से इन टैंकों का निर्माण ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड करेगा. लगभग 1100 करोड़ रुपये की लागत से 598 मिनी ड्रोन खरीदने को भी मंजूरी दी गई. इस बैठक तथा योजना की सबसे बड़ी उपलब्धि नई काली सूची नीति को मंजूरी है.
इसे अगले कुछ दिनों में रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर डाल दिया जाएगा. उनका कहना है कि इस नीति को मंजूरी देते समय इस बात का ध्यान रखा गया है कि इससे सेना का आधुनिकीकरण का काम प्रभावित न हो. यदि कोई रक्षा कंपनी किसी खास परियोजना में भ्रष्टा आचरण का दोषी पाया जाता है तो उसे केवल उस खास क्षेत्र में एक निश्चित अवधि तक कारोबार करने से रोक दिया जाएगा. इस तरह वे दूसरे रक्षा क्षेत्रों में कारोबार करने के लिए स्वतंत्र रहेगें. इसके अलावा इसमें भारी जुर्माने की भी व्यवस्था की गई है. इस नीति से सेना के आधुनिकीकरण में आड़े आ रही कई परियोजनाओं को पूरा करने में सहायता मिलेगी. इसके अलावा इस नीति में किसी खास व्यक्ति पर भी प्रतिबंध की बात कही गई है.
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