केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मर्चेंट शिपिंग बिल, 2016 को मंजूरी दी-(28-NOV-2016) C.A

| Monday, November 28, 2016
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 23 नवंबर 2016 को संसद में मर्चेंट शिपिंग बिल, 2016 को मंजूरी दे दी. इसके साथ ही, मर्चेंट शिपिंग अधिनियम, 1958 और समुद्रतटीय पोत अधिनियम, 1838 के निरसन को भी मंजूरी दी. मर्चेंट शिपिंग अधिनियम, 1958 में 1966 से 2014 के बीच 17 बार संशोधन किया गया था जिसकी वजह से इसमें 560 से भी अधिक धाराएं बन गईं थी. हालांकि, बिल में इन प्रावधानों को कम कर 280 धाराओं में समेट दिया गया है.
बिल के प्रावधान:
•    इसमें मूल– स्वामित्व वाले पोतों और बेयरबोट–कम–डिमाइस (बीबीसीडी) पर पोतों को भारतीय झंडा पोतों के तौर पर पंजीकरण करने की अनुमति दी गई है.
•    यह भारतीय नियंत्रित टनभार को अलग श्रेणी में रखता है.
•    यह तटीय संचालनों के लिए भारतीय झंडा पोतों को लाइसेंस जारी करता है और सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा बंदरगाह पर मंजूरी देने की अनुमति देता है.
•    तटीय शिपिंग को विकसित और प्रोत्साहित करने के लिए यह तटीय पोतों के लिए अलग नियम बनाने की बात करता है.
•    सुमद्री डाकुओं के चंगुल से छुड़ाने और सुरक्षित घर पहुंचने तक मजदूरी देकर यह नाविकों के कल्याण की व्यवस्था करता है.
•    मछली पकड़े, नौकायन आदि समेत पोतों पर काम कर रहे चालक दल के सदस्यों का बीमा पोतों के मालिकों को कराने का निर्देश देता है. यह उन पोतों के लिए लागू होगा जिसका शुद्ध टनभार 15 टन से कम हो.
•    यह कहता है कि चालक दल के सदस्यों द्वारा समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की अब आवश्यकता नहीं है.
•    किसी भी कानून के तहत नहीं आने वाले पोतों के लिए यह कुछ अवशिष्ट श्रेणी के पंजीकरण की बात कहता है और सुरक्षा– संबंधी पहलुओं के लिए प्रावधान बनाता है.
•    यह सात अलग– अलग सम्मेलनों से संबंधित प्रावधानों को शामिल करता है– हस्क्षेप सम्मेलन 1969, तलाश एवं बचाव सम्मेलन 1979, जहाजों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए समुद्री प्रदूषण सम्मेलन के तहत प्रोटोकॉल, जहाज के बेसाल्ट पानी और अवसादों के नियंत्रण एवं प्रबंधन पर सम्मेलन 2004, नैरोबी मलबा निवारण सम्मेलन 2007, कबाड़ सम्मेलन 1989 और बंकर तेल प्रदूषण नुकसान के लिए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 2001.
•    यह भारतीय जहाज–रानी उद्योग की सुविधा के लिए सरलीकृत शासन हेतु पोतों के सर्वेक्षण, निरीक्षण और प्रमाणीकरण की व्यवस्था प्रदान करता है.

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