केंद्रीय कैबिनेट ने नदियों को जोड़ने के लिए विशेष समिति बनाने को मंजूरी दी-(18-NOV-2016) C.A

| Friday, November 18, 2016
भारतीय नदियों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए  2012 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश के अनुसार केंद्रीय कैबिनेट ने 'विशेष समिति' बनाने की मंजूरी दे दी है. 
यह मंजूरी 15 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट काउंसिल सत्र में दी गई. सरकार के अनुसार, इस कदम से राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना, 1980 के तहत चलाई जा रही परियोजनाओं की निगरानी में मदद मिलेगी.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश: 
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नदियों को जोड़ने वाली परियोजना के लिए तत्काल 'विशेष समिति' बनाने का आदेश दिया था. 
•    अदालत ने परियोजना को राष्ट्रीय लाभ और प्रगति का मामला घोषित किया. 
•    अदालत की यह राय भी थी की इस परियोजना से सूखे की संभावना में रहने वाले लोगों को भूख से और बाढ़ की संभावना वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को विनाश से बचाने में सफलता मिलेगी.
नदियों को जोड़ने से संबंधित 2002 के एक मामले में न्यायमूर्तियों के खंडपीठ द्वारा पारित फैसले से बाध्य विशेष समिति को कैबिनेट के सामने एक वर्ष में दो बार स्टेटस– कम– प्रोग्रेस रिपोर्ट ( स्थिति– सह– प्रगति रिपोर्ट) प्रस्तुत करनी होगी ताकि देश के हित में त्वरित एवं उचित फैसले किए जाने को सुनिश्चित किया जा सके.
नदियों को जोड़ने की परियोजना:
यह एक प्रस्तावित परियोजना है जिसका उद्देश्य सभी भारतीय नदियों को नहरों और जलाशयों के नेटवर्क के माध्यम से जोड़ना है ताकि भारत के कुछ हिस्सों को लगातार बाढ़ और अन्य हिस्सों को पानी की कमी से बचाया जा सके.
परियोजना को तीन हिस्सों में विभाजित किया गया है:
•    उत्तरी हिमालयी नदियां इंटर– लिंक घटक 
•    दक्षिणी प्रायद्वीपीय घटक 
•    अंतःराजकीय नदियों को जोड़ने वाले घटक 
जल संसाधन मंत्रालय के तहत काम करने वाले भारत की राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी (एनडब्ल्यूडीए) को इस परियोजना के प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई है. परियोजना का प्रस्ताव अटल बिहारी वाजपेयी नीत एनडीए सरकार द्वारा दिया गया था.

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