उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार ने जमीन पंजीकरण के लिए पुराने नोट के इस्तेमाल की अनुमति दी-(19-NOV-2016) C.A

| Saturday, November 19, 2016
उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार ने 24 नवंबर 2016 तक जमीन के पंजीकरण के लिए 500 और 1000 रु. के पुराने नोटों के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है.
यह घोषणा केंद्र सरकार द्वारा कुछ उपयोगिता सेवाओं में पुराने नोटों के भुगतान की अनुमति के फैसले के बाद की गई. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जमीन के पंजीकरण को उपयोगिका शुल्क माना जा रहा है.
जमीन पंजीकरण शुल्क का निर्धारण जमीन के आकार या खरीदे जाने वाले घर के आकार के आधार पर किया जाता है. फिलहाल, सबसे उच्च देय राशि 20,000 रुपए है.
अन्य राज्यों द्वारा की गईं ऐसी ही घोषणाएं:
•    तेलंगाना राज्य के मुख्य सचिव राजीव शर्मा ने 16 नवंबर 2016 को घोषणा की थी कि लोग 24 नवंबर 2016 तक सरकार के बकाया का भुगतान 500 और 1000 रु. के पुराने नोटों से कर सकते हैं.
•    इस छूट में सरकार को  भुगतान किए जाने वाले सभी प्रकार के शुल्कों, करों और पेनाल्टी को कवर किया गया था. इसमें व्यावसायिक कर, पंजीकरण शुल्क, पानी का बिल और बिजली का बिल भी शामिल था.
•    बंगाल में, राज्य सरकार ने खराब होने वाली वस्तुओं जैसी मछली, अंडे और सब्जियों को ले जाने वाले भारी वाहनों पर लगाए जाने वाले कृषि कर को माफ कर दिया है.
•    इन वस्तुओं को ले जाने वाले कई वाहन करेंसी नोटों की कमी की वजह से प्रवेश नहीं कर पा रहे और राज्य की सीमा पर फंसे हैं.
•    इसके अलावा, तृणमूल कांग्रेस द्वारा चलाए जा रहे कोलकाता नगर निगम (केएमसी) ने फैसला किया है कि संपत्ति कर का भुगतान करने के लिए लोग पुराने करेंसी नोट का इस्तेमाल कर सकते हैं.
•    महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री विनोद तावड़े ने भी मराठी थिएटरों में पुराने करेंसी नोटों के इस्तेमाल की अनुमति के सरकार के फैसले की घोषणा की. 
हालांकि यह छूट सिर्फ शहरी विकास बोर्डों द्वारा राज्य भर में चलाए जा रहे थिएटरों में पहले से निर्धारित मराठी नाटकों पर ही मिलेगी. ऐसा टिकटों की कालाबाजारी की संभावना को कम करने के लिए किया गया है.
महाराष्ट्र सरकार ने 24 नवंबर 2016 तक अपने सभी राजकीय राजमार्गों पर टोल फीस माफ कर दी है. इससे किसानों को लाभ होगा क्योंकि अब वे अपनी उपज राज्य परिवहन की बसों में मुफ्त में ले जा सकेंगे.
इसके अलावा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने सभी निजी अस्पतालों को इमर्जेंसी में आए मरीजों से, जिनके पास नकद की कमी है, चेक के जरिए भुगतान लेने का आदेश दिया है. फड़णवीस ने अस्पतालों को भरोसा दिलाया है कि ऐसे प्रत्येक मरीज जिनका चेक बाउंस करता है, उनकी तरफ से, मुख्यमंत्री राहत कोष में से अस्पताल को 10,000 रु. का भुगतान किया जाएगा.
राज्य सरकारों ने ये फैसले खुद के जोखिम पर किए हैं. आम जनता की परेशानियों को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने भी उपयोगिता बिलों, इंधन, फीस और ग्राहक सहकारी दुकानों से अन्य प्रकार की खरीद हेतु 500 और 1000रु. के नोटों के उपयोग की समय सीमा को 24 नवंबर 2016 तक बढ़ा दिया है.

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