भारत सरकार ने कालाधन का प्रयोग करने वालों पर विभिन्न क्षेत्रों पर ऐसा वार किया है कि वे सभी सकते में आ गए हैं| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस संबंध में की गई घोषणा के बाद इसका सबसे ज्यादा असर जिन क्षेत्रों से जुड़े लोगों पर पड़ेगा, आइए उन पर एक नजर डालते हैं:
जाने 500 और 1000 रूपये के नोट बन्द होने से आम जनता को क्या लाभ होंगें
- बैंकों की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा क्योंकि जिन लोंगों ने कानूनी रूप से धन अर्जित किया है वे इसे बैंकों में जमा करेंगे जिससे बैंक अधिक मात्रा में ऋण दे सकते हैं|
- बैंकों से ऋण आसानी से मिलेगा और ब्याज दरों में भी कमी हो सकती है।
- आम जनता की आय में वृद्धि हो सकती है|
- सरकार को काला धन, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, मादक पदार्थों के उत्पादक संघ और नकली मुद्रा जारी करने वाले सगठनों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
- नकदी लेन-देन में कमी होने के कारण हथियारों की तस्करी एवं जासूसी गतिविधियों में कमी होगी|
- रियल एस्टेट सेक्टर में बेहिसाब नकदी को रोकने में मदद मिलेगी जिससे इस सेक्टर में अधिक पारदर्शिता आएगी| साथ ही मकानों की कीमतें कम हो जाएगी और मांग में वृद्धि होगी|
- भविष्य में सोने, चाँदी और शेयरों की कीमतों में कमी होगी|
- भविष्य में अपस्फीति (Deflation) और मुद्रास्फीति (Inflation) में एक-दूसरे के बीच संतुलन होगा।
- बैंकों से ऋण आसानी से मिलेगा और ब्याज दरों में भी कमी हो सकती है।
- आम जनता की आय में वृद्धि हो सकती है|
- सरकार को काला धन, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, मादक पदार्थों के उत्पादक संघ और नकली मुद्रा जारी करने वाले सगठनों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
- नकदी लेन-देन में कमी होने के कारण हथियारों की तस्करी एवं जासूसी गतिविधियों में कमी होगी|
- रियल एस्टेट सेक्टर में बेहिसाब नकदी को रोकने में मदद मिलेगी जिससे इस सेक्टर में अधिक पारदर्शिता आएगी| साथ ही मकानों की कीमतें कम हो जाएगी और मांग में वृद्धि होगी|
- भविष्य में सोने, चाँदी और शेयरों की कीमतों में कमी होगी|
- भविष्य में अपस्फीति (Deflation) और मुद्रास्फीति (Inflation) में एक-दूसरे के बीच संतुलन होगा।
जानें 500 और 1000 रूपये के नोट बन्द होने से आम जनता को क्या नुकसान होंगें
- 1000 रूपये और 500 रूपये के नोटों के आदान-प्रदान में लोगों को असुविधा हो सकती है|
- हो सकता है कि यह सरकार की एक महंगा विचार है। के रूप में, मुद्रित करने के लिए 100 रुपये के नोटों की लागत से भारतीय रिजर्व बैंक के करीब 11,900 रुपये है, जो एक चार गुना वृद्धि ऑपरेटिंग एटीएम आदि की लागत को छोड़कर कहीं अधिक है हो जाएगा
- जिन व्यक्तियों को कार्ड के माध्यम से लेनदेन की प्रक्रिया की जानकारी नहीं है उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है|
- हो सकता है कि वे लोग जिन्होंने काले धन को विदेशी मुद्रा और सोने के रूप में रखे हुए हैं वे इस योजना से बच सकते हैं|
- भवन निर्माण गतिविधियां प्रभावित होगी|
- हो सकता है कि यह सरकार की एक महंगा विचार है। के रूप में, मुद्रित करने के लिए 100 रुपये के नोटों की लागत से भारतीय रिजर्व बैंक के करीब 11,900 रुपये है, जो एक चार गुना वृद्धि ऑपरेटिंग एटीएम आदि की लागत को छोड़कर कहीं अधिक है हो जाएगा
- जिन व्यक्तियों को कार्ड के माध्यम से लेनदेन की प्रक्रिया की जानकारी नहीं है उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है|
- हो सकता है कि वे लोग जिन्होंने काले धन को विदेशी मुद्रा और सोने के रूप में रखे हुए हैं वे इस योजना से बच सकते हैं|
- भवन निर्माण गतिविधियां प्रभावित होगी|
आइये अब हम उन क्षेत्रों पर विस्तार से चर्चा करते है जोकि इस नयी नीति के कारण प्रभावित होंगे:-
1. “रियल एस्टेट” के दामों में कमी
बेहिसाब छिपे हुए नकदी धन के कारण अब तक जमीन एवं मकान अर्थात “रियल एस्टेट” के दाम आसमान छू रहे थे और मेहनत से पैसे कमाने वालों को इन्हें खरीदने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था| लेकिन अब जमीन एवं मकान के कीमतों में कमी हो सकती है| साथ ही बहुत कम रजिस्ट्री कीमतों को दिखाकर नकदी के माध्यम से उच्च मूल्य वाले संपत्तियों की खरीद-बिक्री पर भी रोक लगेगी|
2. अपहरण और फिरौती की घटना पर रोक
500 और 1000 रूपये ने नोटों की समाप्ति के बाद भारत में अपहरण और फिरौती की घटना एवं "सुपारी लेकर हत्या की घटना" बंद हो जाएगी, क्योंकि इन सभी घटनाओं में पैसे का लेन-देन बड़े नोटों के माध्यम से ही होता है|
3. आतंकवाद का समर्थन करने वालों पर लगाम
नकद लेनदेन के द्वारा आतंकवाद का समर्थन करने वालों पर लगाम लगेगा क्योंकि अब भारत में 500 और 1000 रूपये के नोट सिर्फ कागज के टुकड़े रह गए हैं अतः इन नोटों के माध्यम से आतंकवादियों द्वारा भारतीय सीमा के अन्दर किसी प्रकार के हथियार या गोला-बारूद की खरीद-बिक्री नहीं की जा सकती है|
4. सूदखोरी पर लगाम
500 और 1000 रूपये ने नोटों की समाप्ति के बाद भारत में सूदखोर व्यापारी एवं महाजनों का व्यापार ठप्प हो सकता है क्योंकि ये व्यापारी एवं महाजन हमेशा अपने घरों में भारी मात्रा में नकदी रखते हैं जिनमें 500 और 1000 के नोटों की संख्या अधिक होती है| लेकिन अब उन्हें अपने नोट को बदलने के लिए बैंक जाना पड़ेगा और अपनी संपत्ति का ब्यौरा बैंक को देना पड़ेगा|
5. चुनावों में “वोट के बदले नोट” बांटने के चलन पर रोक:
पंजाब, उत्तरप्रदेश, गुजरात एवं गोवा के आगामी चुनावों में “वोट के बदले नोट” बांटने की घटनाओं पर रोक लगेगी क्योंकि अब सभी राजनीतिक दलों को अपने पास जमा नोटों को बैंक में जाकर बदलवाने पड़ेंगे जहाँ उन्हें एक-एक पैसे का हिसाब देना पड़ेगा| साथ ही आगामी चुनावो के प्रचार अभियान के दौरान बड़े-बड़े पोस्टर और होर्डिंग भी कम देखने को मिल सकते हैं क्योंकि सामान्यतः इन कार्यों में नकद लेन-देन के लिए बड़े नोटों का ही इस्तेमाल होता है|
6. आभूषण इंडस्ट्री में उठापटक
500 और 1000 रूपये ने नोटों की समाप्ति के बाद भारत में नोट बदलने की निर्धारित समय-सीमा तक आभूषण इंडस्ट्री में उठापटक देखने को मिल सकता है और सोने, चाँदी एवं रत्नों के दाम आसमान छू सकते है|
7. नकदी के माध्यम से भ्रष्टाचार पर लगाम
500 और 1000 रूपये ने नोटों की समाप्ति के बाद भारत में नकदी के माध्यम से भ्रष्टाचार 100% बंद हो सकता है क्योंकि ऐसा देखा गया है कि हमेशा नकद लेन-देन के माध्यम से भ्रष्टाचार की घटनाओं में 500 और 1000 रूपये के नोटों का ही प्रयोग किया जाता है|
8. काले धन पर अंकुश
500 और 1000 रूपये ने नोटों की समाप्ति के बाद भारत में काले धन की समाप्ति को बल मिलेगा क्योंकि विभिन्न स्थानों पर छुपाये गए 1000 और 500 के अरबों नोट अब सिर्फ कागज के टुकड़े रह जाएंगे| अतः जिन व्यक्तियों के पास ये धन है उन्हें या तो इन्हें सफेद करने के लिए बैंकों के पास जाना पड़ेगा या वह बाजार से गायब हो जाएगा|
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