एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) एवं भारत सरकार ने 15 नवम्बर 2016 को गंगा नदी पर 9.8 किलोमीटर लम्बा पुल बनाने हेतु 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर के लोन समझौते पर हस्ताक्षर किये. यह भारत का सबसे लम्बा पुल होगा.
एडीबी द्वारा 9 लाख अमेरिकी डॉलर का तकनीकी सहयोग देने के अतिरिक्त बिहार सरकार भी इस परियोजना पर 215 मिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च करेगी.
यह परियोजना दिसंबर 2020 के अंत तक पूरी होने का अनुमान है.
एडीबी द्वारा 9 लाख अमेरिकी डॉलर का तकनीकी सहयोग देने के अतिरिक्त बिहार सरकार भी इस परियोजना पर 215 मिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च करेगी.
यह परियोजना दिसंबर 2020 के अंत तक पूरी होने का अनुमान है.
प्रस्तावित पुल
• इस प्रस्तावित पुल से उत्तरी एवं दक्षिणी बिहार में संपर्क बढ़ेगा. इससे पटना तथा उसके आस-पास के क्षेत्रों का आपस में संपर्क स्थापित होगा.
• यह गंगा नदी के दोनों मुहानों के बीच रहकर उन्हें जोड़ने का काम करेगा तथा मौजूदा पुल के विकल्प का भी काम करेगा.
• परियोजना द्वारा तटबंधों, टोल तथा अन्य जन सेवा सुविधाओं का निर्माण होगा. यह राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के साथ जुड़ा होगा.
• आसपास के क्षेत्र से पटना तक पहुंचने के लिए समय की भी बचत होगी. संपर्क बेहतर होने से राज्य प्रशासन एवं जनता के मध्य तालमेल स्थापित हो सकेगा.
• इस पुल से 9 मिलियन लोगों को लाभ पहुंचने का अनुमान है.
• पुल पर अत्याधुनिक इंजीनियरिंग तकनीक का प्रयोग किया जायेगा जो कि भारत में पहली बार होगा.
• पुल का डिजाईन, इसकी ऊंचाई तथा लम्बाई इस प्रकार निर्धारित की गयी है जिससे नदी पर कम से कम प्रभाव पड़े.
• इस प्रस्तावित पुल से उत्तरी एवं दक्षिणी बिहार में संपर्क बढ़ेगा. इससे पटना तथा उसके आस-पास के क्षेत्रों का आपस में संपर्क स्थापित होगा.
• यह गंगा नदी के दोनों मुहानों के बीच रहकर उन्हें जोड़ने का काम करेगा तथा मौजूदा पुल के विकल्प का भी काम करेगा.
• परियोजना द्वारा तटबंधों, टोल तथा अन्य जन सेवा सुविधाओं का निर्माण होगा. यह राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के साथ जुड़ा होगा.
• आसपास के क्षेत्र से पटना तक पहुंचने के लिए समय की भी बचत होगी. संपर्क बेहतर होने से राज्य प्रशासन एवं जनता के मध्य तालमेल स्थापित हो सकेगा.
• इस पुल से 9 मिलियन लोगों को लाभ पहुंचने का अनुमान है.
• पुल पर अत्याधुनिक इंजीनियरिंग तकनीक का प्रयोग किया जायेगा जो कि भारत में पहली बार होगा.
• पुल का डिजाईन, इसकी ऊंचाई तथा लम्बाई इस प्रकार निर्धारित की गयी है जिससे नदी पर कम से कम प्रभाव पड़े.
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