चीन का पहला स्टेल्थ लड़ाकू विमान जे-20 प्रदर्शित-(03-NOV-2016) C.A

| Thursday, November 3, 2016
चीन ने 1 नवम्बर 2016 को ज़ुहाई एयर-शो में पांचवी पीढ़ी के स्टेल्थ लड़ाकू विमान जे-20 को प्रदर्शित किया. यह चीन का स्वदेश निर्मित स्टेल्थ विमान है, चीन अमेरिका के बाद स्टेल्थ विमान बनाने वाला दूसरा देश है.

इससे पूर्व रक्षा क्षेत्र में चीन के जे-20 विमान की तुलना अमेरिका के एफ-22 एवं एफ-35 से की जा रही थी. जुहाई एयर-शो में चीन ने दो जे-20 विमानों को लगभग एक मिनट तक हवा में परेड करवाई जिसके लिए विश्व भर में चर्चा हो रही है.
स्टेल्थ जे-20

•    चीन द्वारा इस विमान के बारे में अधिक आधिकारिक जानकारी नहीं दी गयी लेकिन यह किसी भी राडार से बच निकलने में सक्षम है. 

•    साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि यह विश्व की लम्बी यात्राओं के अनुकूल भी है.

•    इसकी कुल लंबाई 20 मीटर है तथा इससे कम और लंबी दूरी की हवा से हवा में मार कर सकने वाली मिसाइल दागी जा सकती है.

•    यह विमान 2100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है.

•    पाकिस्तामन ने चीन के इस लड़ाकू विमान के निर्यातक संस्करण को खरीदने की इच्छा  व्यक्त की है.

•    चीन ने जे-20 के निर्यातक संस्करण को एफसी-31 नाम दिया है.

इसी श्रेणी के अन्य लड़ाकू विमान

एफ-22 रैप्टर (अमेरिका): यह विश्व का सबसे खतरनाक माना जाने विमान है जो उन्नत स्टेल्थ तकनीक से लैस है. इसे किसी भी टोही तकनीक से पकड़ना लगभग नामुमकिन है. इसे अमेरिकी सेना के लिए लॉकहीड मार्टिन कंपनी द्वारा बनाया जा रहा है. इसकी गति 2,450 किलोमीटर प्रतिघंटा है तथा इसकी मारक क्षमता रेंज 2965 किलोमीटर तक है. इसे अत्यधिक गति की दशा में नियंत्रित करने के लिए फायर वायर सिस्टाम लगाया गया है.

राफेल (फ्रांस): यह विमान बेहद उन्नत तकनीक में शामिल है जो हवा से हवा तथा हवा से जमीन पर परमाणु हमले में भी सक्षम है. यह एक साथ कई टारगेट भेद सकता है. इसकी गति 2130 किलोमीटर प्रतिघंटा है जबकि इसमें लिक्विड ऑक्सीजन भरने की भी आवश्यकता नहीं है. दो इंजन वाला यह लड़ाकू विमान केवल एक मिनट की अवधि में 55 से 60 हज़ार फीट की ऊंचाई पर पहुंच सकता है.

सुखोई टी-50 (रूस-भारत): यह विमान रूस और भारत द्वारा संयुक्त रूप से निर्मित किया जा रहा है. इसकी तुलना अमेरिका के एफ-22 एवं चीन के जे-20 से की जा रही है. यह भी एक स्टेल्थ विमान होगा जिसे भारत में तैयार किया जायेगा. इससे भारत की निर्भरता दूसरे देशों पर कम हो जाएगी.

यूरोफाइटर टाइफून: लगभग 11 हज़ार किलोग्राम वजन वाला यह विमान यूरोप के सबसे आधुनिक लड़ाकू विमानों में शामिल है. इसे अमेरिका के एफ-22 रैपटर का मुकाबला करने में सक्षम माना जा रहा है.

0 comments:

Post a Comment