भारत को रूस ने फास्ट रिएक्टर रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए आमंत्रित किया गया-(07-NOV-2016) C.A

| Monday, November 7, 2016
रूस ने नवंबर 2016 में अगली-पीढ़ी के परमाणु रिएक्टर तथा रिएक्टर अनुसंधान परियोजना के लिए भारत को आमंत्रित किया. इस परियोजना को एमबीआईआर के नाम से जाना जाता है.

यह सूचना इस परियोजना (आरओएसएटीओएम) के भारत में मौजूद मैनेजर एलेग्जेंडर ज़गोर्नोव द्वारा दी गयी. उनकी नियुक्ति भारत में दक्षिण एशिया केंद्र के प्रतिनिधि के रूप में की गयी. आरओएसएटीओएम रूस की परमाणु कॉरपोरेशन है.

यह बहुउद्देशीय रिएक्टर का एक प्रकार है जिसमें परमाणु विखंडन श्रृंखला प्रतिक्रिया को तेजी से न्यूट्रॉन द्वारा निरंतर किया जाता है. यह परियोजना दिमित्रोवग्राद में इंटरनेशनल रिसर्च सेंटर, मास्को क्षेत्र में स्थित में आती है.

परियोजना का उद्देश्य


•    एमबीआईआर डिजाईन में तीन स्वतंत्र लूप शामिल हैं जिससे विभिन्न कूलैंट जैसी गैस का टेस्ट किया जा सकता है. इनमें लीड, मोल्टेन साल्ट एवं अन्य पदार्थ शामिल हैं. 

•    इसका प्रमुख उद्देश्य चौथी पीढ़ी के रिएक्टर तैयार करना है जिसमें छोटे एवं मध्यम थर्मल न्यूट्रॉन रिएक्टर बनाना मुख्य उद्देश्य है.

•    क्लोज़्ड फ्यूल साइकिल में परमाणु कचरे को नए ईंधन के रूप में प्रयोग किया जायेगा.

•    यह चौथी पीढ़ी के परमाणु उर्जा संयंत्र का डिजाईन करने के लिए उपयोगी अनुसंधान के महत्व के बारे में जानकारी देती है.


तीव्र-न्यूट्रॉन रिएक्टर

•    तीव्र न्यूट्रॉन रिएक्टर से पारिस्थितिक समस्याओं का भी समाधान हो सकता है. इससे रेडियोएक्टिव कचरे का निपटान तथा उसका रिप्रोसेसिंग भी संभव हो सकता है.

•    इससे पांच प्रमुख समस्याओं – सुरक्षा, प्रतिस्पर्धा, ईंधन, पुनर्प्रसंस्करण और ईंधन की कमी तथा रेडियोधर्मी कचरे को फिर से प्रयोग करने योग्य बनाना, आदि का समाधान शामिल है.

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