15 अक्टूबर: अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस
विश्व भर में 15 अक्टूबर 2016 को अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस मनाया गया. इस वर्ष का विषय था – जलवायु परिवर्तन: कृषि एवं खाद्यान में भी बदलाव आवश्यक.
इस वर्ष के विषय द्वारा किसानों, मछुआरों, चरवाहों तथा कृषि उद्योग से जुड़े लोगों को लाभ प्राप्त होगा तथा उन्हें जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ कृषि में आवश्यक बदलावों की भी समझ विकसित हो सकेगी. ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की अहम भूमिका को नकारा नहीं जा सकता. वे लघु क्षेत्र के किसानी से जुड़े कार्यो से लेकर, परिवार के लिए पौष्टिक भोजन
तथा अन्य मूलभूत आवश्यकताओं के लिए परिवार के केंद्र में होती हैं.
विश्व भर में 15 अक्टूबर 2016 को अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस मनाया गया. इस वर्ष का विषय था – जलवायु परिवर्तन: कृषि एवं खाद्यान में भी बदलाव आवश्यक.
इस वर्ष के विषय द्वारा किसानों, मछुआरों, चरवाहों तथा कृषि उद्योग से जुड़े लोगों को लाभ प्राप्त होगा तथा उन्हें जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ कृषि में आवश्यक बदलावों की भी समझ विकसित हो सकेगी. ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की अहम भूमिका को नकारा नहीं जा सकता. वे लघु क्षेत्र के किसानी से जुड़े कार्यो से लेकर, परिवार के लिए पौष्टिक भोजन
तथा अन्य मूलभूत आवश्यकताओं के लिए परिवार के केंद्र में होती हैं.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, यदि ग्रामीण परिवेश की एक महिला को सशक्त बना दिया जाये तो वह अपने पूरे परिवार को स्वयं सशक्त बना सकती है. साथ ही, सतत विकास लक्ष्य जैसे गरीबी, भुखमरी, खाद्य सुरक्षा तथा महिला अधिकारों को बेहतर रूप से लागू किया जा सकता है.
पृष्ठभूमि
• पहला अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण दिवस 15 अक्टूबर 2008 को मनाया गया.
• इस दिवस की स्थापना महासभा द्वारा 18 दिसम्बर 2007 को प्रस्ताव 62/136 के तहत किया गया.
• यह दिवस ग्रामीण महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका का स्मरण करते हुए उन्हें सशक्त बनाने हेतु मनाया जाता है.
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