चीन के अन्तरिक्ष अनुसंधान केंद्र तियानगोंग 2 ने 23 अक्टूबर 2016 को माइक्रोसेटेलाईट बैंक्सिंग 2 का सफल प्रक्षेपण किया. इसका आकार किसी कंप्यूटर के साधारण प्रिंटर जितना है.
फ़िलहाल तियानगोंग-2 दो अन्तरिक्ष यात्रियों के साथ पृथ्वी का चक्कर लगा रहा है.
फ़िलहाल तियानगोंग-2 दो अन्तरिक्ष यात्रियों के साथ पृथ्वी का चक्कर लगा रहा है.
बैंक्सिंग-2
• इसका वजन 47 किलोग्राम है. इसमें विज़िबल लाइट कैमरा, 25 मेगापिक्सल का एक कैमरा तथा वृहद लेंस भी लगाया गया है.
• इसका मिशन तियानगोंग 2 की फोटो लेना है तथा शेंजो 11 स्पेसक्राफ्ट की तस्वीरें लेना भी इसका उद्देश्य है.
• इस सेटेलाईट को मीडिया ने सेल्फी स्टिक का नाम दिया है. इसमें एक इन्फ्रारेड कैमरा भी लगा है जो तापमान सेंसिटिव है.
• तीन सोलर पैनलों की सहायता से यह इतनी उर्जा एकत्रित कर लेता है कि यह ऑर्बिट मंे रहकर लैब को फोटो भेज सकता है.
• शेंज़ोऊ-11 स्पेसक्राफ्ट में दो अन्तरिक्षयात्री भी सवार हैं. यह प्रक्षेपित किये जाने के दो दिन बाद तियानगोंग-2 से जाकर जुड़ा.
• वर्ष 2008 में बैंक्सिंग-1 प्रक्षेपित किया गया था.
• इसका वजन 47 किलोग्राम है. इसमें विज़िबल लाइट कैमरा, 25 मेगापिक्सल का एक कैमरा तथा वृहद लेंस भी लगाया गया है.
• इसका मिशन तियानगोंग 2 की फोटो लेना है तथा शेंजो 11 स्पेसक्राफ्ट की तस्वीरें लेना भी इसका उद्देश्य है.
• इस सेटेलाईट को मीडिया ने सेल्फी स्टिक का नाम दिया है. इसमें एक इन्फ्रारेड कैमरा भी लगा है जो तापमान सेंसिटिव है.
• तीन सोलर पैनलों की सहायता से यह इतनी उर्जा एकत्रित कर लेता है कि यह ऑर्बिट मंे रहकर लैब को फोटो भेज सकता है.
• शेंज़ोऊ-11 स्पेसक्राफ्ट में दो अन्तरिक्षयात्री भी सवार हैं. यह प्रक्षेपित किये जाने के दो दिन बाद तियानगोंग-2 से जाकर जुड़ा.
• वर्ष 2008 में बैंक्सिंग-1 प्रक्षेपित किया गया था.
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