भारतीय नौसेना द्वारा 19 अक्टूबर 2016 को फॉलो ऑन वॉटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट आईएनएस तिहायु को नौसेना में शामिल किया गया. इसे पूर्वी नौसेना कमांड के चीफ एचसीएस बिष्ट द्वारा नौसेना में शामिल किया गया.
नौसेना द्वारा इसका उपयोग बचाव अभियानों, गश्त करने एवं समुद्री लुटेरों से बचाव में किया जायेगा. पूर्वी नौसेना में शामिल किया गया छठा बेड़ा है. इनमें चार चेन्नई तथा दो विशाखापत्तनम में तैनात रहेंगे.
नौसेना द्वारा इसका उपयोग बचाव अभियानों, गश्त करने एवं समुद्री लुटेरों से बचाव में किया जायेगा. पूर्वी नौसेना में शामिल किया गया छठा बेड़ा है. इनमें चार चेन्नई तथा दो विशाखापत्तनम में तैनात रहेंगे.
विशेषताएं
• इसका वजन 315 टन है.
• इसका इंजन अत्याधुनिक 4000-एमटीयू श्रेणी में गिना जाता है. यह तीन तीन वॉटर जेट प्रोपल्शन प्रणाली पर कार्य करता है.
• इसमें अत्याधुनिक मशीनरी कंट्रोल सिस्टम तथा वॉटर जेट्स लगाये गये हैं.
• यह युद्धपोत 35 नॉट्स अर्थात 65 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से समुद्र में चल सकता है.
• समुद्री क्षेत्र में निगरानी एवं जानकारी एकत्रित करने हेतु इसमें संचार उपकरण तथा राडार भी लगाये गये हैं.
• इस पर लगाई गयी 30 एमएम की सीआरएन-91 मशीनगन किसी भी प्रकार की मुठभेड़ का सामना करने में सक्षम है.
• इसका निर्माण कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा किया गया.
• इसका नाम अंडमान के एक द्वीप तिहायु के नाम पर रखा गया.
इससे पूर्व इसी श्रेणी के दस जहाज 2009 से 2011 के मध्य भारतीय नौसेना में शामिल किये गये. तिहायु से पहले मई 2016 में आईएसएन तरमुगली को भी भारतीय नौसेना में शामिल किया गया.
• इसका वजन 315 टन है.
• इसका इंजन अत्याधुनिक 4000-एमटीयू श्रेणी में गिना जाता है. यह तीन तीन वॉटर जेट प्रोपल्शन प्रणाली पर कार्य करता है.
• इसमें अत्याधुनिक मशीनरी कंट्रोल सिस्टम तथा वॉटर जेट्स लगाये गये हैं.
• यह युद्धपोत 35 नॉट्स अर्थात 65 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से समुद्र में चल सकता है.
• समुद्री क्षेत्र में निगरानी एवं जानकारी एकत्रित करने हेतु इसमें संचार उपकरण तथा राडार भी लगाये गये हैं.
• इस पर लगाई गयी 30 एमएम की सीआरएन-91 मशीनगन किसी भी प्रकार की मुठभेड़ का सामना करने में सक्षम है.
• इसका निर्माण कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा किया गया.
• इसका नाम अंडमान के एक द्वीप तिहायु के नाम पर रखा गया.
इससे पूर्व इसी श्रेणी के दस जहाज 2009 से 2011 के मध्य भारतीय नौसेना में शामिल किये गये. तिहायु से पहले मई 2016 में आईएसएन तरमुगली को भी भारतीय नौसेना में शामिल किया गया.
0 comments:
Post a Comment