प्रधान मंत्री ने मंडी में तीन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया-(19-OCT-2016) C.A

| Wednesday, October 19, 2016
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में तीन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया. तीनों हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट से कुल 1752 मैगावाट ऊर्जा राज्य सरकार को प्राप्त होगी.
इनमें हिमाचल के बिलासपुर जिले में एनटीपीसी की 800 मेगावाट की कोलडैम जल विद्युत परियोजना की आधारशिला पांच जून, 2005 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी. जिसका लोकार्पण किया गया.
दूसरी परियोजना पारबती चरण-3 को कुल्लू जिले में स्थित एनएचपीसी की 540 मेगावाट की परियोजना है. 
तीसरी परियोजना शिमला जिले में सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड की 412 मेगावाट की रामपुर स्थित परियोजना का उद्घाटन किया.

पनबिजली के बारे में-
  • गिरते हुए या बहते हुए जल की उर्जा से जो विद्युत उत्पन्न की जाती है उसे जलविद्युत या पनबिजली (Hydroelectricity) कहते हैं.
  • वर्ष 2005 में विश्व भर में लगभग 816 GWe (जिगावाट एलेक्ट्रिकल) जलविद्युत उत्पन्न की जाती थी.
  • यह विश्व की सम्पूर्ण विद्युत उर्जा का लगभग 20% है.
  • यह बिजली प्रदूषण रहित एवं पर्यावरण के अनुकूल है.
  • विद्युत् शक्ति के जनन की विधियों में जलविद्युत् बहुत महत्वपूर्ण हैं.
  • विश्व की संपूर्ण विद्युत् शक्ति का एक तिहाई भाग जलविद्युत् के रूप में प्राप्त होता है.
जल विद्युत के लाभ-   
  • वर्ष 1897 में दार्जिलिंग में आरम्भ की गई पहली जल विद्युत परियोजना अभी तक प्रचालनरत है.
  • ऊर्जा के अन्य स्रोतों की तुलना में जलविद्युत या पनबिजली उत्पादन, प्रचालन तथा अनुरक्षण की लागत भी कम है.
  • शीघ्र प्रारंभ तथा रूकने की क्षमता और भार को त्वरित स्वीकार/अस्वीकार करना इसे अधिकतम मांग को पूरा करने और प्रणाली की विश्‍वसनीयता तथा स्थिरता में वृद्धि करने के लिए उपयुक्त बनाता है.
  • भण्डारण आधारित जल विद्युत योजनाओं से अक्सर सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, पेयजल आपूर्ति, नौवहन, मनोरंजन, पर्यटन, मत्स्य पालन आदि हेतु सहायक लाभ लिएजा सकते हैं.

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