भारत और रूस के मध्य 16 समझौतों पर हस्ताक्षर-(17-OCT-2016) C.A

| Monday, October 17, 2016
modiputinभारत स्थित गोवा में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में 15 अक्टूबर 2016 को भारत और रूस के मध्य 16 समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये. इस समझौतों में रक्षा, शिक्षा, उर्जा, परिवहन आदि क्षेत्रों पर महत्वपूर्ण समझौते किये गये.

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप द्वारा जारी बयान में कहा गया कि 17वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में भारत और रूस ने साझेदारी के नए आयाम को छुआ. इस दौरान 16 समझौते तथा तीन घोषणाएं की गयीं.

गौरतलब है कि इन समझौतों में एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम तथा भारत में एडमिरल ग्रिगोरोविच श्रेणी युद्धपोतों का निर्माण विशेष रूप से शामिल है.

एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम

इस प्रणाली द्वारा भारत को विश्व की बेहतरीन सुरक्षा प्रणाली प्राप्त हो जाएगी जिससे वह हवा में ही लक्ष्य भेदने में कामयाब रहेगा.

•    इस प्रणाली को ट्रायम्फ के नाम से भी जाना जाता है, यह विश्व की सबसे उन्नत एयर डिफेंस प्रणाली के तौर पर जाना जाता है.

•    इस प्रणाली द्वारा मिसाइल, ड्रोन तथा लड़ाकू विमानों को 400 किलोमीटर की दूरी से निशाने पर साधा जा सकता है.

•    इसकी गति 4.8 किलोमीटर प्रति सेकेंड है.

•    यह प्रणाली एक ही समय पर 300 टारगेट एक ही समय पर साध सकती है तथा 36 टारगेट पर एक ही समय परनिशाना लगा सकती है.

•    भारत से पहले चीन ने यह प्रणाली रूस से खरीदी थी.
कामोव हेलिकॉप्टर

भारत और रूस के मध्य किये गए समझौते में के ए 226टी (कामोव) हेलिकॉप्टरों का निर्माण एक महत्वपूर्ण समझौता है. यह एक लाइट यूटिलिटी व्हीकल है जिसे भारत के चीता और चेतक हेलिकॉप्टरों के स्थान पर शामिल किया जायेगा. इस समझौते के तहत 60 हेलिकॉप्टर रूस में तैयार होंगे जबकि 40 हेलिकॉप्टरों के कलपुर्जे भारत में जोड़े जायेंगे. इसके अतिरिक्त 100 हेलिकॉप्टर पूरी तरह से भारत में ही निर्मित किये जायेंगे.

•    इस हेलिकॉप्टर की क्षमता 3600 किलोग्राम वजन लेकर उड़ने की है.

•    इस पर सात पैराट्रूपर एक समय पर जा सकते हैं.

•    इस हेलिकॉप्टर को विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्र के दुर्गम स्थानों पर ऊंचाई में उड़ान भरने में सक्षम माना जाता है. 

•    बर्फीली हवाओं में भी यह 220 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ़्तार से उड़ान भर सकता है. 

•    अत्याधुनिक नेविगेशन प्रणाली तथा दो इंजन वाला यह हेलिकॉप्टर छोटे हवाई अड्डों से भी संचालित किया जा सकता है.

एडमिरल ग्रिगोरोविच युद्धपोत

भारत और रूस के मध्य हुए रक्षा समझौतों में युद्धपोतों का निर्माण किया जाना भी अहम समझौता है.

•    रूस और भारत मिलकर चार युद्धपोत तैयार करेंगे.

•    एडमिरल ग्रिगोरोविच श्रेणी के इन युद्धपोतों को समुद्री युद्ध में तेज-तर्रार माना जाता है जो दुश्मनों की नजर से बचने में सक्षम है.

•    इनका वजन 3620 टन है जिनपर ब्रम्होस मिसाइल भी तैनात की जा सकती है.

•    यह समझौता 4 अरब डॉलर तक होने का अनुमान है.

•    गौरतलब है कि भारत फ़िलहाल इस श्रेणी के छह युद्धपोत उपयोग कर रहा है.

अन्य महत्वपूर्ण समझौते

•    आंध्र प्रदेश में लॉजिस्टिक सिस्टम, स्मार्टसिटी मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित करने पर समझौता.

•    जहाज निर्माण के अतिरिक्त तकनीकी रूप से सयुक्त विकास और हस्तान्तरण पर सहमति. 

•    -गैस पाइपलाइन का निर्माण करने के लिए संयुक्त अनुसंधान हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर.

•    दोनों देशों द्वारा निवेश बढ़ाने के लिए समझौता किया गया.

•    भारतीय रेल की गति बढ़ाने के लिए रशियन रेलवे के साथ समझौता.

•    रूस और भारतीय अंतरिक्ष संगठनों के बीच सहयोग पर समझौता.

•    तेल और गैस, विज्ञान, वाणिज्य, व्यापर तथा अन्तरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग हेतु समझौते पर हस्ताक्षर.

•    भारतीय और रूसी विदेश मंत्रालय के बीच सहयोग हेतु समझौता.

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