भारत ग्लोबल वार्मिंग बढ़ाने वाली गैस के उत्सर्जन को खत्म करने हेतु सहमत-(19-OCT-2016) C.A

| Wednesday, October 19, 2016
भारत ग्लोबल वार्मिंग बढ़ाने में मुख्य रूप से जिम्मेदार मानी जाने वाली हाइड्रोफ्लूरोकार्बन-23 गैस के उत्सर्जन को पूरी तरह खत्म करने पर सहमत हो गया है. एचएफसी गैसों के उत्सर्जन को कम करने की प्रतिबद्धता के तहत भारत ने यह कदम उठाया है.
पर्यावरण राज्य मंत्री अनिल माधव दवे ने मांट्रियल प्रोटोकॉल पर सहमति बनाने के लिए किगाली में चल रहे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में 13 अक्टूबर 2016 को इसकी घोषणा की.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
•    ग्रीन हाउस गैस एचएफसी-23 कार्बन डाइऑक्साइड से 14,800 गुना ज्यादा खतरनाक है. यह एचसीएफसी-22 का सह-उत्पाद है.
•    इसे पर्यावरण के लिए बहुत खतरनाक माना जाता है. भारत के इस कदम से एचएफसी पर चल रही वार्ता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. भारत दो फीसद से भी कम एचएफसी गैसों का उत्सर्जन करता है.
•    भारत ने हाइड्रोफ्लूरोओलेफिंस (एचएफओ) गैसों को भी नियंत्रित पदार्थों/गैसों की सूची में शामिल करने की मांग की है. यह विवाद का प्रमुख कारण बन गया है.
•    इसके तहत आने वाले तीन रासायनिक पदार्थों का पेटेंट अमेरिकी कंपनी के पास है.
•    भारत ने इसे शामिल नहीं करने का विरोध किया है. नियंत्रित सूची में शामिल पदार्थों/गैसों के इस्तेमाल को चरणबद्ध तरीके से कम करने का प्रावधान है. हालांकि अमेरिका, आस्ट्रेलिया और कनाडा ने भारत के प्रस्ताव का विरोध किया है.

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