महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 8 अक्टूबर 2016 को देश के पहले 'अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र' का शुभारंभ मुम्बई में किया.
कंपनियों को अब मध्यस्थता के लिए सिंगापुर, हांगकांग और लंदन जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. मध्यस्थता के मामलों में यह केंद्र भारतीय कंपनियों के अलावा वैश्विक कंपनियों को भी आकर्षित करेगा.
मुम्बई में अब अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र शुरू हो जाने से विश्व में व्यापारिक विवादों के समाधान के बारे में भारत की एक अलग पहचान बनेगी.
देश में अब तक के सबसे पहले उन्नत अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र की स्थापना से विवाद समाधान व्यवस्था स्थापित करना एक महत्वपूर्ण कदम है.
मध्यस्थता केंद्र प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया अभियान के अनुरूप है. इसे राज्य सरकार के सहयोग से मिलकर बनाया गया है और इसका उद्देश्य लाभार्जन करना नहीं है.
मुम्बई जल्द ही अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय से जुड़े विवादों का समाधान करने का एक प्रमुख केंद्र बन जायेगा. कंपनियों के बीच आपसी लेन देन या कारोबारी शर्तो को लेकर मतभेद होने पर भारतीय कारोबारियों को सिंगापुर जाना पड़ता है.
भारतीय कारोबारियों की इस समस्या को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने मुम्बई में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र खोला है.
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