अप्रैल-दिसंबर में राजकोषीय बजट मे 88 प्रतिशत घाटा-(01-FEB-2016) C.A

| Monday, February 1, 2016
वित्त वर्ष 2015-16 के पहले नौ महीने में राजकोषीय घाटा बजट के सालाना लक्ष्य का 88 फीसदी रहा. इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 100.2 फीसदी तक था. 29 जनवरी 2016 को उपलब्ध ताजा आंकड़े सरकार की वित्तीय स्थिति में सुधार का संकेत हैं.
राशि के हिसाब से अप्रैल-दिसंबर, 2015 के दौरान राजकोषीय घाटा 4.88 लाख करोड़ रुपए रहा, जो 2015-16 के बजट अनुमान का 88 फीसदी है. घाटे की स्थिति में सुधार का मुख्य कारण कर संग्रह में वृद्धि है.
  • पिछले वर्ष पेश बजट में वित्त मंत्री ने राजकोषीय घाटा 2015-16 में 5.55 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया.
  • लेखा महानियंत्रक के आंकड़ों के अनुसार आलोच्य अवधि में कर राजस्व 6.22 लाख करोड़ रुपए रहा. जो पूरे वर्ष के लिए रखे गए राजस्व अनुमान 9.19 लाख करोड़ रुपए का 67.6 फीसदी है.
  • राजस्व से कुल प्राप्ति तथा गैर-ऋण पूंजी चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीने में 8.25 लाख करोड़ रुपए रही.
  • सरकार ने 2016 मार्च अंत तक 12.21 लाख करोड़ रुपए की प्राप्ति का अनुमान रखा है.
  • आलोच्य अवधि में सरकार का योजना व्यय 3.45 लाख करोड़ रुपए रहा, जो पूरे वर्ष के बजट अनुमान का 74.4 फीसदी है.
  • पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान सरकार का योजना व्यय वर्ष के अनुमान का 61.3 फीसदी रहा था.
  • वित्त वर्ष 2015-16 की अप्रैल-दिसंबर में गैर-योजना व्यय 9.68 लाख करोड़ रुपए रहा, जो पूरे साल के अनुमान का 73.8 फीसदी है.
  • आलोच्य अवधि में कुल व्यय (योजना एवं गैर-योजना) 13.13 लाख करोड़ रुपए रहा, जबकि चालू वित्त वर्ष के लिए कुल अनुमान 17.77 लाख करोड़ रुपए के व्यय का रखा गया है.
  • वित्त वर्ष 2015-16 में सरकार ने राजकोषीय घाटा 5.55 लाख करोड़ रुपए यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.9 फीसदी रहने का लक्ष्य रखा है.
  • इस अवधि में सरकार का राजस्व खर्च महज 30,000 करोड़ रुपये ही बढ़ा, जिसमें पिछले साल के मुकाबले 3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई.

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