चीन सरकार ने तीन दशकों से चली आ रही एक बच्चे की नीति को छोड़ने की 29 अक्टूबर 2015 को घोषणा की. इसके तहत सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि अगर कोई दंपत्ति चाहे तो वह दो बच्चे पैदा कर सकते हैं.
उपरोक्त घोषणा के तहत अब चीन में सभी दंपतियों को दो बच्चे पैदा करने की इजाजत होगी. चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने चार दिन चली बैठक के बाद यह निर्णय लिया.
चीन में परिवार नियोजन को लेकर अपनाई गई कड़ी नीति में छूट को एक बड़े उदार कदम के तौर पर देखा जा रहा है. साल 2013 के आखिर में ही इन नियमों में छूट देने की बात कही गई थी. चीन सरकार कड़े श्रम द्वारा फिर से शिक्षित करने वाले लेबर सुधार कैंपों की व्यवस्था को भी खत्म करेगा. यह कदम मानव अधिकार की स्थिति को सुधारने के लिए उठाया गया है.
विदित हो कि चीन में एक बच्चे की नीति सबसे पहले चीन के नेता माओ जेदोंग के शासनकाल में वर्ष 1979 में लागू किया गया था. 1979 में रूदोंग की हुकूमत के दौरान इसे राष्ट्रीय नीति के तौर पर लागू किया गया. इसका मुख्य लक्ष्य चीन की जनसंख्या को नियंत्रित करना था. इस नीति का उल्लंघन करने वालों को कई तरह की सजाएं दी जाती थी, जिनमें जुर्माने, रोजगार छीनने से लेकर जबरन गर्भपात शामिल था. चीन में जनसंख्या वृद्धि दर में आई तेज गिरावट के बाद इस नीति को बदलने को लेकर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी काफी दबाव में थी. क्योंकि पिछले 15 सालों में देश के आधे से ज्यादा स्कूल बंद हो चुके हैं एवं देश की 30 फीसदी आबादी 50 पार कर चुकी है.
चीन में परिवार नियोजन को लेकर अपनाई गई कड़ी नीति में छूट को एक बड़े उदार कदम के तौर पर देखा जा रहा है. साल 2013 के आखिर में ही इन नियमों में छूट देने की बात कही गई थी. चीन सरकार कड़े श्रम द्वारा फिर से शिक्षित करने वाले लेबर सुधार कैंपों की व्यवस्था को भी खत्म करेगा. यह कदम मानव अधिकार की स्थिति को सुधारने के लिए उठाया गया है.
विदित हो कि चीन में एक बच्चे की नीति सबसे पहले चीन के नेता माओ जेदोंग के शासनकाल में वर्ष 1979 में लागू किया गया था. 1979 में रूदोंग की हुकूमत के दौरान इसे राष्ट्रीय नीति के तौर पर लागू किया गया. इसका मुख्य लक्ष्य चीन की जनसंख्या को नियंत्रित करना था. इस नीति का उल्लंघन करने वालों को कई तरह की सजाएं दी जाती थी, जिनमें जुर्माने, रोजगार छीनने से लेकर जबरन गर्भपात शामिल था. चीन में जनसंख्या वृद्धि दर में आई तेज गिरावट के बाद इस नीति को बदलने को लेकर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी काफी दबाव में थी. क्योंकि पिछले 15 सालों में देश के आधे से ज्यादा स्कूल बंद हो चुके हैं एवं देश की 30 फीसदी आबादी 50 पार कर चुकी है.
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