पहला विश्व सुनामी जागरूकता दिवस 5 नवम्बर 2016 को पुरे विश्वभर में मनाया गया. यह दिवस सुनामी के बारे में जागरूकता के प्रचार-प्रसार को बढ़ाने के लिए मनाया गया.
वर्ष 2016 का पहला विश्व सुनामी जागरूकता दिवस का विषय था: प्रभावी शिक्षा और निकासी ड्रिल. यह जागरूकता दिवस आपदा जोखिम न्यूनीकरण वर्ष 2016 के एशियाई मंत्रिस्तरीय सम्मेलन तथा संयुक्त राष्ट्र के आपदा जोखिम न्यूनीकरण के आपसी सहयोग से नई दिल्ली में आयोजित किया गया.
एशियाई मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के अंतर्गत, इस दिन के महत्व को समझने के लिए वर्ष 1854 के उदाहरण को समझना बहुत आवश्यक है.
जापान में रहने वाले वाकायामा 5 नवंबर को एक प्रान्त में आए उच्च तीव्रता के भूकंप के बाद सुनामी को लेकर काफी चिंतित थे. हालांकि उनके प्रयासों के वजह से कई व्यक्तियों का जीवन बचा था.
यह सुनामी पूर्व चेतावनी का पहला दस्तावेज उदाहरण था. विशेषज्ञों ने उसी 5 नवंबर को सुनामी जागरूकता दिवस मनाने का फैसला किया है.
सुनामी क्या है?
सुनामी भी बंदरगाह लहरों कहा जाता है क्योंकि वे तटीय क्षेत्रों और बंदरगाहों में अधिकतम नुकसान का कारण बनते जा रही है.
सागर में हमेशा उत्पन्न होने वाली लहरों तथा झीलों की हवाओं में चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण खिंचाव की वजह से यह उत्पन्न होती है.
आम तौर ये बिल्कुल शांत होती है लेकिन अगर ये ज्यादा ताकतवर हो तो ये एक बड़े पैमाने पर तटीय क्षेत्रों नाश कर सकती है.
विशेषज्ञों का कहना है की सुनामी की गति उतनी होती है जिस गति से एक हवाई जहाज उड़ता है.

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