वैज्ञानिकों ने पहली बार 6000 वर्ष पुराने जौ के दानों के जीन्स का अनुक्रमण करने में सफलता प्राप्त की.
इससे यह प्राचीनतम जौ के दाने सबसे पुराने प्लांट के जीनोम बन गये हैं. इससे पहले केवल प्रागेतिहसिक काल की मकई को अनुवांशिक रूप से जांचा गया था.
इस शोध को पत्रिका नेचर जेनेटिक्स में 18 जुलाई 2016 को प्रकाशित किया गया.
इससे यह प्राचीनतम जौ के दाने सबसे पुराने प्लांट के जीनोम बन गये हैं. इससे पहले केवल प्रागेतिहसिक काल की मकई को अनुवांशिक रूप से जांचा गया था.
इस शोध को पत्रिका नेचर जेनेटिक्स में 18 जुलाई 2016 को प्रकाशित किया गया.
अध्ययन के मुख्य बिंदु
• 6000 वर्ष पुराने इन जौ के दानों को मृत सागर के निकट इजराइल की योरम गुफा से प्राप्त किया गया.
• दक्षिणी लेवंत में उगाया गया वर्तमान जौ प्रागेतिहासिक काल के जौ से मिलता-जुलता है.
• इससे यह भी पता चलता है कि जौ की खेती ऊपरी जॉर्डन घाटी में आरंभ हुई.
• इस अनाज का अन्य सैंकड़ों पौधों के साथ इसराइल में हाइफ़ा विश्वविद्यालय, जेरूसलम के हिब्रू विश्वविद्यालय और निमरॉड मारोम में गहन अध्ययन किया गया.
• इन पौधों की सही आयु का पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने अनाज के आधे भाग को रेडियोकार्बन प्रणाली द्वारा जांचा. अनाज के दूसरे आधे भाग को पुरातन डीएनए के तहत जांचा गया.
• 6000 वर्ष पुराने इन जौ के दानों को मृत सागर के निकट इजराइल की योरम गुफा से प्राप्त किया गया.
• दक्षिणी लेवंत में उगाया गया वर्तमान जौ प्रागेतिहासिक काल के जौ से मिलता-जुलता है.
• इससे यह भी पता चलता है कि जौ की खेती ऊपरी जॉर्डन घाटी में आरंभ हुई.
• इस अनाज का अन्य सैंकड़ों पौधों के साथ इसराइल में हाइफ़ा विश्वविद्यालय, जेरूसलम के हिब्रू विश्वविद्यालय और निमरॉड मारोम में गहन अध्ययन किया गया.
• इन पौधों की सही आयु का पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने अनाज के आधे भाग को रेडियोकार्बन प्रणाली द्वारा जांचा. अनाज के दूसरे आधे भाग को पुरातन डीएनए के तहत जांचा गया.
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