विमान वाहक युद्धपोत आईएनएस विराट अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू में हिस्सा लेने के बाद नौ सेना से सेवा निवृत हो जाएगा. यह घोषणा 23 जुलाई 2016 को नौ सेना के अधिकारियों ने की. भारतीय नौसेना की 60 साल तक सेवा करने के बाद यह पोत विशाखापत्तनम में फ्लीट रिव्यू के बाद सेवा मुक्त कर दिया जाएगा.
- इस फ्लीट रिव्यू में लगभग 50 देशों की नौसेना के सौ से ज्यादा युद्धपोत हिस्सा लेंगे.
- विराट 23 जुलाई को मुंबई से रवाना होकर 27 जुलाई को दक्षिणी नौसेना कमांड पहुंचेगा जहां इस पोत से इंजन, रडार, तोप जैसे सभी मूल्यवान उपकरण हटा दिये जायेंगे.
आईएनएस 'विराट' के बारे में-
- नौसेना में विराट को 12 मई 1987 को शामिल किया गया था.
- इससे पहले विराट ब्रिट्रेन की रॉयल नेवी में एचएमएस हर्मिस के नाम से शामिल था जहां इसने अर्जेंटीना के खिलाफ फॉकलैंड युद्ध में हिस्सा लिया था.
- भारत लाए जाने से पहले इस जहाज ने पहले 30 साल तक ब्रिटिश नौसेना की सेवा की.
- विराट को मूल रूप से ब्रिटिश रॉयल नेवी द्वारा 18 नवंबर 1959 को एचएमएस हरमेस के तौर पर सेवा में शामिल किया गया.
- करीब 1200 अधिकारी और नौसैनिक विराट पर हमेशा तैनात रहते हैं.
- जब ये अपने अंतिम ऑपरेशनल सफऱ में निकला है तब भी इस पर 6 सी हैरियर लड़ाकू विमान, चार चेतक और छह सी किंग हेलीकॉप्टर तैनात है.
- हाल के दिनों में पुराने और स्पेयर पार्ट्स के अभाव में कई सी हैरियर हादसे का शिकार हुए लेकिन इसकी क्षमता पर कभी सवाल नहीं उठा.
- ये दुनिया में अपनी तरह इकलौता लड़ाकू विमान है जो विमान वाहक पोत वर्टिकल लैडिंग करता है और मात्र 100 मीटर से कम रनवे पर टेक ऑफ भी कर जाता है.
- एक दशक से अधिक समय तक यह भारत का अकेला विमान वाहक पोत रहा है.
- सेवास मुक्ति के बाद इसे एक साहसिक पर्यटन केन्द्र या संग्रहालय में तब्दील करने का प्रस्ताव है लेकिन इस पर रक्षा मंत्रालय द्वारा अभी तक कोई निर्णय नहीं किया गया है.
- मंत्रालय के विशेषज्ञों को उम्मीद है कि आईएनएस विक्रांत के साथ जो हुआ, वह विराट के साथ नहीं होगा.
फ्लीट रिव्यू के बारे में-
- इसके जरिये हिंद महसागर में नौसेना दुनिया को अपनी ताकत दिखाएगी.
- इसके बाद विराट किसी ऑपरेशनल कार्रवाई में हिस्सा नहीं लेगा.
- संभावना है कि इसे इस साल के अंत तक या फिर अगले साल रिटायर कर दिया जाए.
- ध्यान रहें दुनिया में किसी भी विमानवाहक पोत ने इतनी लंबी सेवा नहीं दी है.
भारत का प्रथम विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत 60 करोड़ में बिका
- इससे पहले विमान वाहक युद्ध पोत आईएनएस विक्रांत भी नौ सेना से सेवा निवृत हो चुका है.
- आईएनएस विक्रांत सेवा मुक्ति के बाद 18 सालों तक साहसिक पर्यटन केन्द्र या संग्रहालय, म्यूजिम में बदलने के लिए किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिली. अंतत: उसे कबाड़ के तौर पर बेच दिया गया.
- आईएनएस विक्रांत ने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी.
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