20 जुलाई 2016 को जारी किए गए ग्लोबल रिटायरमेंट सूचकांक में भारत सबसे अंतिम स्थान पर है. एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बावजूद भारत में सेवानिवृत्त यानी रिटायर्ड लोगों की स्थिति बेहद दयनीय है. ग्लोबल रिटायरमेंट सूचकांक के मुताबिक भारत फिसड्डी है. ग्लोबल असेट मैनेजमेंट के चौथे वार्षिक ग्लोबल रिटायरमेंट इंडेक्स (जीआरआई) में भारत को सबसे निचले पायदान पर रखा गया है जो इसे सेवानिवृत्त होने वाले लोगों के लिए विश्व का सबसे खराब देश बना रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत सेवानिवृत बुजुर्गों के लिए सबसे बुरी जगह है.
ग्लोबल इंडेक्स के मुताबिक विश्व के टॉप 3 देश:
• स्विटजरलैंड पहले स्थान
• नॉर्वे दुसरे स्थान
• आइसलैंड तीसरे स्थान
• जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका 14वें स्थान पर है.
इस लिस्ट के मुताबिक स्विट्जरलैंड, नॉर्वे और आइसलैंड विश्व के टॉप 3 देश हैं जो रिटायर्ड लोगों के लिए सबसे बढ़िया हैं. इस सूची में 43 देश शामिल हैं और बीते 150 सालों में उनकी तुलना की गई है. इन देशों में 34 अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की विकसित अर्थव्यवस्थाएं, 5 ओईसीडी और 4 ब्रिक्स के सदस्य हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक सालाना सेवानिवृत्ति सूचकांक में रिटायर हो चुके या होने वाले लोगों के लिए ग्लोरबल बेंचमार्क शामिल किया गया. फिर इसके आधार पर रिटायरमेंट के बाद उनकी जरूरतों, उम्मीदों और भरोसे को पूरा करने वाले देशों का आकलन और उनकी तुलना की गई है. वर्ष 2015 के सर्वे में भारत 150 देशों में 88वें स्थान पर था जो अब सबसे पिछड़े देश में शुमार हो गया है.
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