केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी के संस्थापन को मंजूरी प्रदान की-(22-JUL-2016) C.A

| Friday, July 22, 2016
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कंपनी अधिनियम-2013 के तहत 20 जुलाई 2016 को सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी (एसडीसी) के संस्थापन को मंजूरी प्रदान की. एसडीसी जहाजरानी मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में होगी. 

यह विशेष उद्देशीय कंपनी (एसपीवी) परियोजना को इक्विटी सहायता और सागरमाला कार्यक्रम के तहत अवशिष्ट परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. एसडीसी की स्थापना कंपनी अधिनियम 2013 के तहत 1,000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक प्राधिकृत शेयर पूंजी और 90 करोड़ रुपये की सदस्यता शेयर पूंजी के साथ की जाएगी.
सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी (एसडीसी) के कार्य

•    कार्यान्वयन मुख्य तौर पर सार्वजनिक निजी साझेदारी यानी पीपीपी मॉडल के तहत होगा. 

•    बंदरगाहों, राज्य सरकारों/समुद्री बोर्डों, केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा विशेष उद्देशीय कंपनी (एसपीवी) परियोजना या अवशिष्ट परियोजनाओं की स्थापना अथवा कार्यान्वयन के लिए केवल इक्विटी सहायता प्रदान की जाएगी और किसी अन्य माध्यम से वित्तपोषण नहीं किया जा सकता.

•    एसडीसी बंदरगाह आधारित विकास परियोजनाओं की पहचान करेगी और परियोजना एसपीवी को परियोजना विकास एवं ढांचागत गतिविधियों, निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए बोली प्रक्रिया, विभिन्न राज्यों/क्षेत्रों में रणनीतिक परियोजनाओं के लिए जोखिम प्रबंधन के उचित उपाय करने और आवश्यक मंजूरियां हासिल करने में मदद करेगी.

•    एसडीसी एनपीपी के तहत पहचान किए गए तटवर्ती आर्थिक क्षेत्रों (सीईजेड) के लिए विस्तृत मास्टर प्लान तैयार करेगी और भारतीय समुद्री क्षेत्र के एकीकृत विकास सुनिश्चित करने के लिए एक ढांचा मुहैया कराएगी.
सागरमाला परियोजना

सागरमाला कार्यक्रम 25 मार्च 2015 को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद लॉन्च किया गया. इसे भारत में बंदरगाह आधारित आर्थिक विकास के व्यापक उद्देश्यों के साथ शुरू किया गया है.

भारत के 7,500 किलोमीटर लंबे तटवर्ती क्षेत्रों, 14,500 किलोमीटर संभावित जलमार्ग और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार मार्गों के रणनीतिक स्थानों के दोहन के उद्देश्य से सरकार ने महत्वाकांक्षी सागरमाला कार्यक्रम तैयार किया.

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