सौर उर्जा से चालित सोलर इम्पल्स-2 ने 26 जुलाई 2016 को विश्व का चक्कर लगाकर आबूधाबी में सफलतापूर्वक लैंडिंग की.
इस विमान ने आबूधाबी में उतरने से पहले 26744 मील की यात्रा की. विमान ने 558 घंटे की उड़ान भरी.
सोलर इम्पल्स-2
• वर्ष 2011 में सोलर इम्पल्स-2 का निर्माण कार्य आरंभ हुआ.
• इस विमान के पंख 71.9 मीटर लम्बे हैं जो एयरबस ए-380 से थोड़ा छोटा है.
• इसे कार्बन फाइबर द्वारा बनाया गया है.
• इसका वजन 2.3 टन है.
• इसमें 3.8 क्यूबिक मीटर की नॉन-प्रेशराइज्ड कॉकपिट है तथा इसमें ऑटो पायलट का भी विकल्प मौजूद है.
• इसमें 17248 सोलर सेल लगाये गये हैं जो विमान को लगातार उर्जा प्रदान करते हैं.
इस विमान ने आबूधाबी में उतरने से पहले 26744 मील की यात्रा की. विमान ने 558 घंटे की उड़ान भरी.
सोलर इम्पल्स-2
• वर्ष 2011 में सोलर इम्पल्स-2 का निर्माण कार्य आरंभ हुआ.
• इस विमान के पंख 71.9 मीटर लम्बे हैं जो एयरबस ए-380 से थोड़ा छोटा है.
• इसे कार्बन फाइबर द्वारा बनाया गया है.
• इसका वजन 2.3 टन है.
• इसमें 3.8 क्यूबिक मीटर की नॉन-प्रेशराइज्ड कॉकपिट है तथा इसमें ऑटो पायलट का भी विकल्प मौजूद है.
• इसमें 17248 सोलर सेल लगाये गये हैं जो विमान को लगातार उर्जा प्रदान करते हैं.
• आंद्रे बोर्शबर्ग इसके पायलट हैं. यह विमान 3 जुलाई 2015 को हवाई पहुंचा. इस दौरान इसने सौर उर्जा से चलने वाले सबसे लम्बी दूरी (7212 किलोमीटर) एवं सबसे अधिक समय (117 घंटे, 52 मिनट) तक उड़ान भरने का रिकॉर्ड बनाया.
• उड़ान के दौरान सोलर इंपल्स-2 का पड़ाव ओमान, भारत, म्यांमार, चीन, जापान, अमेरिका, स्पेन, इटली, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात में रहा.
• उत्तर अमेरिका के इसके पड़ाव में कैलिफोर्निया, एरिजोना, ओकलाहोमा, ओहायो, पेनसिलवेनिया और न्यूयार्क शामिल हैं.
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