तुर्की में 2016 तख्तापलट के प्रयास:
जुलाई 2016 को तुर्की में सेना ने तख्तापलट की कोशिश की जिसमें कई लोग मारे गए. एयरपोर्ट सहित कई महत्वपूर्ण जगहों पर विद्रोही सेना द्वारा कब्जा कर लिया गया और सेना ने दावा किया कि उसने देश की सत्ता पर कब्जा कर लिया है.
तख्तापलट का प्रभाव:
300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 1000 से ज्यादा लोग घायल हो गए है. जबकि 5000 विद्रोही सैनिकों गिरफ्तार किये जा चुके है.
तुर्की में 100 से ज़्यादा जनरल और एडमिरलों को हिरासत में लिया गया था. 21000 अध्यापकों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं. 1577 विश्वविद्यालय डीनों से इस्तीफ़ा ले लिया गया है.
8000 पुलिस अधिकारियों और 1500 वित्त मंत्रालय के कर्मचारियों समेत प्रधानमंत्री कार्यालय के 257 अफ़सरों को निलंबित कर दिया गया है.
वर्ष 1987 में दक्षिण पूर्वी तुर्की के एक हिस्से में आपातकाल की घोषणा की गई थी. जिसके अंतर्गत अधिकारियों को कर्फ्यू लगाने की इजाजत दी गई थी. लोगों की गिरफ्तारी के व्यापक अधिकार दिए गए थे. इसके अलावा गैरकानूनी ढंग से इकठ्ठा लोगों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे. उस समय आपातकाल का मकसद कुर्दिश लड़ाकों पर नियंत्रण स्थापित करना था. हालांकि 2002 तक धीरे-धीरे आपातकाल हटा लिया गया था.
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