वियतनाम ने 1 फरवरी 2016 को नौ महीनों के बाद औपचारिक रूप से भारतीय मूंगफली के आयात पर लगे प्रतिबंध को हटाने की घोषणा की.
वियतनाम कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने औपचारिक रूप से इस फैसले की जानकारी भारत सरकार को देते हुए कहा है कि वियतनाम का पौधा संरक्षण विभाग 18 जनवरी, 2016 से मूंगफली के लिए आयात स्वीकृति जारी करेगा.
इस प्रतिबंध को वियतनाम प्रतिनिधिमंडल की दिसंबर, 2015 में हुई भारत यात्रा के मद्देनजर हटाया गया है.
इस प्रतिनिधिमंडल ने भारत के मूंगफली निर्यात की प्रमाणीकरण व्यवस्था और निर्यात प्रक्रियाओं के साथ-साथ मानक संचालन प्रक्रियाओं को देखने के बाद संतुष्टि प्रकट की थी.
ज्ञात वियतनाम ने 6 अप्रैल, 2015 से भारत से मूंगफलियों के आयात को अस्थायी तौर पर स्थगित कर दिया था.
क्यों लगाया था प्रतिबन्ध
• वियतनाम द्वारा भारत पर मूंगफली के आयात पर प्रतिबंध लगाने का कारण आयातित मूंगफली में Caryedon serratus और Trogoderma granarium नामक दो कोरांटीन कीट पाए गए थे.
• कोरांटीन का अर्थ होता है एक ऐसी अवस्था जब कीट संक्रमित हो जाता है.
• Caryedon serratus नामक कीट प्रायः मूंगफली में पाए जाते हैं.
• Trogoderma granarium नामक कीट जिन्हें खपरा बीटल या कैबिनेट बीटल भी कहते हैं, लम्बे समय तक बिना भोजन के जीवित रह सकते हैं. इन कीटों ने कई कीटनाशकों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है. यह कीट प्रायः चावल में पाए जाते हैं.
ज्ञात हो भारत मूंगफली के बड़े निर्यातकों में से एक है और भारत विश्व में मूंगफली निर्यातक का लगभग 37% भाग वहन करता है.
• वियतनाम द्वारा भारत पर मूंगफली के आयात पर प्रतिबंध लगाने का कारण आयातित मूंगफली में Caryedon serratus और Trogoderma granarium नामक दो कोरांटीन कीट पाए गए थे.
• कोरांटीन का अर्थ होता है एक ऐसी अवस्था जब कीट संक्रमित हो जाता है.
• Caryedon serratus नामक कीट प्रायः मूंगफली में पाए जाते हैं.
• Trogoderma granarium नामक कीट जिन्हें खपरा बीटल या कैबिनेट बीटल भी कहते हैं, लम्बे समय तक बिना भोजन के जीवित रह सकते हैं. इन कीटों ने कई कीटनाशकों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है. यह कीट प्रायः चावल में पाए जाते हैं.
ज्ञात हो भारत मूंगफली के बड़े निर्यातकों में से एक है और भारत विश्व में मूंगफली निर्यातक का लगभग 37% भाग वहन करता है.
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